मजदूर संघ की प्रवासी मजदूरों को पैकेज की मांग..कहा..आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को करें सरकारी..संविदा कर्मियों को किया जाए नियमित

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—– भारतीय मजदूर संघ के बैनर तले आज मजदूरों ने जिला प्रशासन को मुख्यमंत्री के नाम 22 सूत्रीय मांग पत्र पेश दिया। मजदूर संघ के नेताओं ने बताया कि हमने मुख्यमंत्री के नाम प्रशासन के सामने तीन अलग अलग बिन्दुओं पर मजदूरों की मांगो को रखा है। उम्मीद है सरकार मामले पर गंभीरता से विचार करेगी। मांग पूरी नहीं होने की सूरत में रणनीति के साथ अगला कदम उठाया जाएगा।

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                  गुरुवार को भारतीय किसान संघ के बैनर तले मजदूरों ने मुख्यमंत्री के नाम जिला प्रशासन के सामने तीन अलग अलग बिन्दुओं पर 22 सूत्रीय मांग पेश किया। मजदूर संघ के नेताओं ने बताया कि कोविड के प्रकोप से सबसे ज्यादा परेशानी मजदूर वर्ग के सामने आयी है। मजदूरों की समस्याओं का त्वरित निकारण किया जाना बहुत जरूरी है।

आंगनबाड़ी क्रार्यकर्ताओं को सरकारी करने की मांग

                 किसान संघ के नेताओं ने अपने मांग पत्र में बताया कि प्रवासी मजदूरों को तत्काल राहत पैकेज का एलान किया जाना बहुत जरूरी है। बाहर लौटे मजदूरों को रोजगार दिया जाए। रेलवे कोयला सेल,एमटीएनएल, बीएसएनएल, बालको, इंडियन आयल कार्पोरेशन समेत अन्य सरकारी संस्थाओं के निजीकरण पर रोक लगाया जाए। आंगन बाड़ी कार्यकर्ताओं को सरकार कर्मचारी का दर्जा दिएा जाए। साथ ही विभिन्न विभागों और कम्पनियों में संविदा पर काम कर रहे कर्मचारियों को नियमित शासकीय सेवक बनाया जाए।

              अपनी मांग पत्र को पेश करते हुए मजदूर नेताओं ने कहा कि कांग्रेस सरकार चुनाव के समय घोषणा पत्र में किए गए वादों को पूरा करे। बेरोजगारों को रोजगार भत्ता दिया जाए। मध्यान्ह भोजन, आंगन बाड़ी के रसोइया और आशा वर्करों को राज्य शासन का कर्मचारी घोषित किया जाए। कोरोना काल में आंगनबाड़ी केन्द्र खोले जाने का विरोध करते हुए मजदूर संघ नेताओं ने् बताया कि संक्रमण चरम पर है। इसलिए आंगनबाड़ी केन्द्रों को खोले जाने के आदेश पर सरकार पुनर्रविचार करे।

परेशानियों का किया जिक्र

               मजदूर नेताओं ने बताया कि कोरबा जिला के लोगों का कोल परिवहन और उत्सर्जित राख से जीना मुश्किल हो गया है। इस  समस्या पर सरकार तत्काल रोक लगाए। सड़कों की हालत बद से बदतर हो चुकी है। इसे तुरन्त दुरूस्त किया जाना बहुत जरूरी है। सरकार समस्या पर गंभीरता से विचार करे। 

                        मुख्यमंत्री के नाम दिए मांग पत्र में मजदूरों ने बताया कि नियमित और सेवा निवृत कर्मचारियों को जुलाई 2019 से पांच प्रतिश त डीए समेत अन्य भुगतान देय को सरकार पूरा करे। समय पर सातवें वेतमान का एरियर्स का भुगतान जल्द से जल्द करे। स्वास्थ्य महकमें में खाली नियमित पदों पर  विभागीय संविदाकर्मियों को प्राथमिकता से लिया जाए।  भर्ती किया जाए।

स्थानीय स्तर की मांग             

            प्रशासन को दिए पत्र में मजदूर नेताओं  ने कहा कि जिला कलेक्टर के नेतृत्व में औद्योगिक सुरक्षा समिति का गठन हो। एसईसीएल मुख्यालय समेत अन्य सार्वजनिक क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों का कोरोना टेस्ट प्राथमिकता की जाए। साथ ही एसईसीएल कार्यालय के विद्युत विभाग में काम करने वाले दस साल की सेवा पूरी कर चुके सभी श्रमिको ठेकेदारों की वसुली से छुटकारा दिलाई जाए। वसूलीबाज ठेकेदारों के खिलाफ कठोर कदम उठाया जाए।

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