मजदूूरों के बच्चे भी बनेंगे-डॉक्टर,इंजीनियर…

Chief Editor
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रायपुर । मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने बुदवार को अफसरों  की बैठक लेकर श्रम विभाग के काम-काज की समीक्षा की। डॉ. सिंह ने कहा कि राज्य के शासकीय कॉलेजों में अब श्रमिक परिवारों के बच्चों को इंजीनियरिंग, मेडिकल, नर्सिंग, लॉ आदि व्यावसायिक कोर्स की पढ़ाई निःशुल्क दी जाएगी । वहीं इस तरह की निजी कॉलेजों में पढ़ाई करने वालों को भी शासकीय कॉलेजों की फीस के बराबर राशि उन्हें दी जाएगी। राज्य सरकार  श्रम विभाग के माध्यम से उन्हें यह राशि प्रदान करेगी। इतना ही नहीं इन  बच्चों को शिक्षा के दौरान हॉस्टल में रहने और भोजन का इंतजाम भी राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा।

                                               मुख्यमंत्री ने कहा कि इन बच्चों को इन प्रतिष्ठित कॉलेजों में प्रवेश परीक्षा की तैयारी भी विशेष रूप से कराई जाएगी। इसके लिए राजधानी रायपुर में ‘प्रयास’  स्कूल की तरह कोचिंग संस्थान भी खोला जाएगा।मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में पुरूष श्रमिकों को भी इस साल निःशुल्क सायकिल देने का निर्णय लिया गया। अधिकारियों ने बताया कि इस योजना के प्रथम चरण में 31 दिसम्बर 2013 तक पंजीकृत श्रमिकों को इसका फायदा मिलेगा। इसके पहले राज्य सरकार द्वारा केवल महिला श्रमिकों को निःशुल्क सायकिल प्रदान की जाती थी। बैठक में मेटरनिटी बेनिफिट योजना के अंतर्गत श्रम विभाग द्वारा दी जा रही सहायता राशि भी सात हजार  रुपए से बढ़ाकर 10 हजार रुपए करने का निर्णय लिया गया है।

                                               अधिकारियों ने बैठक में बताया कि नौनिहाल छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत निमाण श्रमिकों के एक लाख 25 हजार बच्चों को वर्ष 2015-16 में छात्रवृत्ति प्रदान करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया। उन्होंने बताया कि कौशल उन्नयन योजना के अंतर्गत इस साल 30 हजार प्रशिक्षण दिया जाएगा। जिसमें 15 हजार राजमिस्त्री और शेष 15 हजार अन्य स्वरोजगार में शामिल होगा। स्वच्छता मिशन में शौचालय निर्माण को ध्यान में रखते हुए बड़ी संख्या में राजमिस्त्री प्रशिक्षण को प्राथमिकता दी गई है। राज्य के तीन जिलों रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर में बड़ी संख्या मंे निर्माण कार्य की संभावना को ध्यान में रखते हुए यह इससे जुड़े राजमिस्त्री, बढ़ई, पेन्टर, प्लम्बर, बिजली फिटिंग, रिपेयरिंग, एसी फिटिंग, टाईल फिटिंग जैसे कार्य में एक-एक हजार लोगों को प्रशिक्षित किया जाएगा । उनके कार्यों को एकीकृत कर उनका समूह बनाकर वेबसाईट के जरिए प्रकाशित किया जाएगा ताकि लोगों को आसानी से ऐसे कुशल श्रमिक उपलब्ध हो सके। निर्माण कार्य से जुड़े श्रमिकों को परिचय पत्र के स्थान पर स्मार्ट कार्ड दिए जाने का निर्णय भी बैठक में लिया गया। इसके तहत प्रदेश के पांच जिले राजनांदगांव, रायपुर,दुर्ग, बिलासपुर और महासमुंद जिलों के श्रम कार्यालय में बायोमेटिक मशीन लगाए जाएंगे।

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