बिलासपुर—चुनाव आयोग के निर्देश पर इस बार मतगणना स्थल पर पार्टी की तरफ से एआरओ की व्यवस्था नहीं होगी। मालूम हो कि इसके पहले निर्वाचन आयोग की तरफ से राजनैतिक दलों की तरफ से दो एआरओ की व्यवस्था का प्रावधान था। इस बार निर्वाचन आयोग ने व्यवस्था को खत्म कर दिया है। अब राजनैतिक दलों की तरफ से मतगणना स्थल पर एआरओ नहीं रहेंगे। कांग्रेस नेता और जिला ग्रामीण अध्यक्ष विजय केशरवानी ने कहा कि जिला निर्वाचन अधिकारी के माध्यम से निर्वाचन आयोग से राजनैतिक दलों की तरफ से एआरओ व्यवस्था की बात रखेंगे।
जिला कांग्रेस कमेटी ने चुनाव आयोग के निर्देश पर नाखुशी जाहिर की है। जिला कांग्रेस ग्रामीण अध्यक्ष विजय केशरवानी ने बताया कि अब से पहले तक चुनाव में पार्टी की तरफ से दो की संख्या में एआरओ रखने की मान्यता थी। जानकारी मिल रही है कि निर्वाचन आयोग ने राजनैतिक दलों की तरफ से एआओ रखने की व्यवस्था को खत्म कर दिया है। केशरवानी ने बताया कि राजनैतिक दलों की तरफ से कम से कम एक एआरओ को ऱखने की व्यवस्था जरूरी है।
केशरवानी ने बताया कि एआरओ की व्यवस्था से सभी टेबलों से मत की जानकारी समेत कैलकुलेशन में आसानी होती है। एआरओ सभी काउन्टर से रिपोर्ट समय पर जिम्मेदार प्रत्याशी या संगठन तक पहुंचाता है। जैसी की जानकारी मिल रही है कि अब पुरानी व्यवस्था को खत्म कर दिया गया है। ऐसी सूरत में एजेन्ट के सामने ना केवल प्रत्याशी तक रिपोर्ट देने में कठिनाई होगी। बल्कि टेबल छोड़कर उसे जाना भी पड़़ सकता है। इसके अलावा और भी कई प्रकार की अव्यवस्था का सामना करना पड़ सकता है। हम जिला निर्वाचन आयोग के सामने अपनी बातों को रखेंगे। कम से कम एआरओ को अनुमति देने की बात गंभीरता के साथ पेश करेंगे।
निर्देश के अनुसार पालन
एसडीएम देवेन्द्र पटेल ने बताया कि चुनाव आयोग के निर्देशों के अनुसार व्यवस्था होगी। जैसा निर्देश हुआ उसी के अनुसार व्यवस्था की गयी है। मतगणना स्थल में पार्टी की तरफ से एक भी एआरओ नहीं होगा। देवेन्द्र ने यह भी बताया कि मतगणना स्थल में प्रत्येक राजनैतिक दल की तरफ से 16 एजेन्टों के अलावा प्रत्याशी और एक अन्य अभिकर्ता होगा। प्रत्याशी की अनुपस्थिति में बैलेट कक्ष तक केवल एक मात्र अभिकर्ता ही पहुंच सकता है। फिर भी प्रत्याशी और अतिरिक्त अभिकर्ता एक साथ बैलेट कक्ष में नहीं रह सकते हैं।