बिलासपुर।संचालक पंचायत नगरीय निकाय मोर्चा व संयुक्त शिक्षाकर्मी संघ के प्रांताध्यक्ष केदार जैन ने प्रेस नोट जारी करते हुए कहा कि अब मध्यप्रदेश के अध्यापकों के संविलियन से छत्तीसगढ़ के शिक्षाकर्मियों का संविलियन का मार्ग प्रशस्त होगा।अब छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री को देर नहीं करनी चाहिए।मंगलवार को मध्यप्रदेश सरकार ने अध्यापको का शिक्षा विभाग में संविलियन करने का मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी मिल गई है।जिससे दो लाख पैंतीस हज़ार अध्यापको को सालो से शासकीय शिक्षक बनने का सपना पूरा होगा।पेंशन ग्रेज्युटी बीमा अनुकंपा नियुक्ति आदि का लाभ मिलेगा,वही सातवाँ वेतन का लाभ भी मिलेगा।1994-95 से शुरू हुआ काला अध्याय ख़त्म होगा।छत्तीसगढ़ में भी एक लाख अस्सी हज़ार शिक्षाकर्मी सालो से संविलियन को लेकर सड़क की लड़ाई लड़ते आ रहे है।इस दौरान कई शिक्षकर्मियो की मृत्यु हो गई वही कई सेवा निर्वित हो गए।
प्रांताध्यक्ष केदार जैन ने कहा कि मध्यप्रदेश में संविलियन से छत्तीसगढ़ के शिक्षाकर्मियों में उम्मीद की किरण जागी है।अब प्रदेश के मुखिया को देरी किये बिना घोषणा कर देना चाहिए जिससे छत्तीसगढ़ के 180000 शिक्षा कर्मियों में एंव उनके परिवार में ख़ुशी का वातावरण बन सके।
पंचायत नगरी निकाय मोर्चा के संचालक चंद्रदेव राय ने बताया कि हम मध्यप्रदेश में अध्यपको के संविलियन फैसले का स्वागत करते है। इसके शिक्षाकर्मी साथियों के लिए आज यह त्यौहार का दिन है 20 22 सालों की मानसिक आर्थिक समस्याओं का इस संविलियन से अंत हुआ हैमध्यप्रदेश की तरह छत्तीसगढ़ सरकार भी संविलियन का फैसला लें और शिक्षाकर्मियों को शिक्षाकर्मी शब्द से मुक्ति दिलाए और हमे भी केवल शिक्षक कहा जाय। उन्होंने कहा कि सरकारशिक्षा कर्मियी की वेतन विसंगतियों को ध्यान रखे औरप्रमुख रुप से वर्ग 3 की वेतन विसंगति को दूर करते हुए संविलियन करे।