मन की बात में बोले पीएम मोदी-नारी शक्ति ने रूढ़ीवादिता तोड़कर हासिल की उपलब्धियां

Shri Mi
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नईदिल्ली।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जनवरी महीने के आख़िरी रविवार को रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के ज़रिए एक बार फिर से समस्त देशवासियों को संबोधित कर रहे हैं।पीएम मोदी के लिए यह कार्यक्रम साल 2018 में ‘मन की बात’ का पहला संबोधन है। इस मौके पर पीएम मोदी ने एक बार फिर से महिलाओं का ज़िक्र करते हुए कहा कि इच्छा और दृढ़ संकल्प हो, कुछ कर गुजरने का ज़ज्बा हो तो कुछ भी असंभव नहीं है। यह देखकर काफी खुशी होती है कि भारत में आज महिलाएं हर क्षेत्र में तेज़ी से आगे बढ़ रही हैं और देश का गौरव बढ़ा रही हैं।उन्होंने आगे कहा कि प्राचीन काल से हमारे देश में महिलाओं का सम्मान, उनका समाज में स्थान और उनका योगदान, यह पूरी दुनिया को अचंभित करता आया है।

पीएम ने कहा कि यूरोपीय संघ, यूरोपियन यूनियन ने मुझे कैलेंडर भेजा है जिसमें उन्होनें यूरोप के विभिन्न देशों में रह रहे भारतीयों द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में उनके योगदानों को  दर्शाया है। यानी जहां भी हमारे लोग हैं, उन्होंने वहां की धरती को किसी न किसी तरीके से सुसज्जित किया है.प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि आपने नाम सुना होगा मध्य प्रदेश के भज्जू श्याम के बारे में, वे जीवन यापन के लिए सामान्य नौकरी करते थे लेकिन उनको पारम्परिक आदिवासी पेटिंग बनाने का शौक था। आज इसी शौक की वजह से इनका भारत ही नहीं, पूरे विश्व में सम्मान है।मुझे पता चला कि अकोला के नागरिकों ने ‘स्वच्छ भारत अभियान’ के तहत मोरना नदी को साफ़ करने के लिए स्वच्छता अभियान का आयोजन किया था।

इस अभियान के तहत अकोला के छह हज़ार से अधिक नागरिकों, सौ से अधिक एनजीओ, कॉलेज, स्टूडेंट, बच्चे, बुजुर्ग, माताएं-बहनें हर किसी ने इसमें भाग लिया।प्रधानमंत्री ने केे  योजना के पीछे उद्देश्य है- हेल्थ केयर को सबके लिए आसान बनाना। जन-औषधि केन्द्रों पर मिलने वाली दवाएं बाज़ार में बिकने वाली दवाइयों से लगभग 50-90% तक सस्ती हैं। सस्ती दवाइयां प्रधानमंत्री भारतीय जन-औषधि केन्द्रों,अस्पतालों के ‘अमृत स्टोर्स’ पर उपलब्ध हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ का दंतेवाड़ा इलाक़ा, जो माओवाद-प्रभावित क्षेत्र है। हिंसा, अत्याचार, बम, बन्दूक, पिस्तौल- माओवादियों ने इसी का एक भयानक वातावरण पैदा किया हुआ है। ऐसे ख़तरनाक इलाक़े में आदिवासी महिलाएँ, इ-रिक्शा चला कर आत्मनिर्भर बन रही हैं।हर क्षेत्र में ‘फर्स्ट लेडी ’- हमारी नारी-शक्तियों ने समाज की रूढ़िवादिता को तोड़ते हुए असाधारण उपलब्धियां हासिल की, एक कीर्तिमान स्थापित किया।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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