बिलासपुर— कलेक्टर को ज्ञापन दिए जाने को लेकर मरवाही सदन में रणनीति बना रहे जनता कांग्रेस पार्टी बिलासपुर विधानसभा प्रत्याशी और शहर अध्यक्ष में जमकर तू-तू मैं मैं हुई। मामला गाली गलौच तक पहुंच गया। बृजेश साहू और विश्वम्भर गुलहरे के बीच वाद विवाद को मौके पर मौजूद पार्टी नेताओं ने किसी तरह शांत कराया। लेकिन ज्ञापन के विषय को लेकर गुलहरे की जीत हुई। बिलासपुर पार्टी प्रत्याशी को पीछे हटना पड़ा ।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आज दोपहर जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ पार्टी प्रत्याशी बृजेश साहू और शहर अध्यक्ष के बीच जमकर कहासुनी हुई है। विवाद कलेक्टर को दिए जाने वाले ज्ञापन को लेकर था। बताया जा रहा है कि दोपहर को सभी कार्यकर्ता शहर में डेंगू,मलेरिया को लेकर जिला प्रशासन को ज्ञापन देने से पहले मरवाही सदन पहुंचे।
मरवाही सदन में करीब 25 से 30 लोगों की मौजूदगी में विषय को लेकर चर्चा शुरू हुई। मैटेरियल को टाइप करवाने के पहले लोगों से डेंगू,मलेरिया के रोकथाम को लेकर विचार विमर्श किया गया। इसी दौरान जनता कांग्रेस पार्टी बिलासपुर प्रत्य़ाशी ने कहा कि डेंगू मलेरिया से कहीं ज्यादा बड़ी समस्या जमीन की रजिस्ट्री है। क्योंकि पिछले दो महीनों से जमीनों की रजिस्ट्री नहीं हो रही है। जनता और बिल्डर परेशान हैं। लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। जनता का पैसा फंसा हुआ है। जिसके चलते उन्हें घरेलू परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बेहतर होगा कि आज जमीन रजिस्ट्री को लेकर जिला प्रशासन को ज्ञापन दिया जाए।
इतना सुनते ही शहर जनता कांग्रेस अध्यक्ष विश्वम्भर गुलहरे ने कहा कि एक तरफ लोग मौत के मुंह में जा रहे हैं। सरकार और प्रशासन के निर्देश के बाद भी डेंगू और मलेरिया के खिलाफ स्वास्थ्य महकमा ठोस कदम नहीं उठा रहा है। डेंगू के मरीज लगातार बढ़ते जा रहे हैं। आए दिन डेंगू से मरने की जानकारी मिल रही है। इसलिए जरूरी है कि पहले डेंगू और मलेरिया रोकथाम को लेकर ज्ञापन दिया जाए।
इसी मुद्दे को लेकर बृजेश साहू और विश्वम्भर गुलहरे के बीच विवाद शुरू हो गया। एक तरफ जहां पार्टी प्रत्याशी ने रजिस्ट्री को मुद्दा बनाकर ज्ञापन देने को कहा। तो गुलहरे डेंगू मलेरिया के खिलाफ जंग की बात कही। इसके पहले दोनों किसी निष्कर्ष तक पहुंचते…विवाद शुरू हो गया। मामला तू-तू मैं मैं से अपशब्दों तक पहुंच गया। दोनों ने एक दूसरे पर जमकर कीचड़ उछाला।
विवाद को किसी तरह मौके पर मौजूद पार्टी पदाधिकारियों ने शांत कराया। बहुमत में गुलहरे बृजेश साहू पर भारी पड़े। दोनों नेता अपने समर्थकों के साथ कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर डेंगू और मलेरिया के खिलाफ व्यवस्था को लेकर स्वास्थ्य विभाग शिकायत की। लेकिन दोनों पूरे समय एक दूसरे से नजर बचाते रहे।
जानकारी के अनुसार यदि विवाद की स्थिति नहीं आती तो ज्ञापन को लेकर जिला प्रशासन के साथ मुख्य चिकित्सा अधिकारी के घेराव का भी निर्णय होना था। लेकिन विवाद ने सब मटिया मेट कर दिया।