मशहूर शायर मलकापुरी की ग़ज़ल का विमोचनः गिरीराज ने कहा..शायरी शहर की पहचान है..कथाकार हयात ने बताया–आठवें दरवाजे को खोलती है

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— कविता चौपाटी से के तेरहवें अंक में मिलेनियम शायर राज मलकापुरी की ग़जल का विमोचन अतिथियों और साहित्यकारों की उपस्थिति में किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बिलासपुर साहित्य समिति के अध्यक्ष बल्लू दुबे और विशिष्ट अतिथि देश के ख्यातिलब्ध कहानीकार खुर्शीद हयात और अध्यक्षता छत्तीसगढ़ साहित्य समिति के अध्यक्ष, ज्योतिषाचार्य गिरधर शर्मा विशेष रूप से उपस्थित थे।
       
                 कार्यक्रम के पहले चरण में कवियित्री सरोज ठाकुर, नवोदित कवि मोतीलाल, विपुल तिवारी ने कविता पाठ किया। इस दौरान साहित्यकारों ने मुक्तक और गीतों की प्रस्तुति देकर समा बाँधा। केवल कृष्ण पाठक ने मलकापुरी के सम्मान में ग़ज़ल पाठ किया। उन्होने उपस्थित कवियों ने ख़ूब वाहवाही लूटी।
 
               पटल में ग़जल मुसाफ़िर को सदा देता है और तजुर्बा न कीजिये ग़जल का विमोचन हुआ। मलकापुरी की ग़जल का सस्वर पाठ वरिष्ठ साहित्यकार विजय तिवारी ने किया। व्यंग्यकार राजेन्द्र मौर्य ने कार्यक्रम का विवरण पेश किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बल्लू दुबे ने कहा कि साहित्य समर्पण, संस्कार, गरिमा, जनसंवेदना, जनसेवा की भावना से ओतप्रोत होती है। राज मलकापुरी की जीवटता की बानगी को बारी बारी से पेश किया। 
 
         देश के नामचीन कहानीकार ख़ुर्शीद हयात ने कहा कि राज मलकापुरी की शायरी इंसानी दिलों में धड़कती है। यही उनकी शायरी का मेराज़ है। इनकी शायरी आठवें दरवाज़े को खोलती है। इनकी शायरी सात जमीनों, सात आसमानों का चक्कर लगाती है। इस मौके पर देश के नामचीन नवगीतकार और नए पाठक पत्रिका के संपादक डॉ. अजय पाठक ने कहा कि राज मलकापुरी की शायरी जीवन के यथार्थ को समाज के सम्मुख लाकर जीवन के नजरिये को नये दृष्टिकोण से समझने और जानने की राह प्रशस्त करती है। बिलासपुर शहर को मलकापुरी पर नाज़ है। आनंद प्रकाश गुप्ता और  डॉ. अजय पाठक ने शाल औऱ श्रीफल से सम्मान किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे आचार्य गिरधर शर्मा ने राज मलकापुरी को सम्बोधित करते हुए कहा कि शहर की शायरी मल्कापुरी से पहचानी जाती है। 
 
                  कार्यक्रम में साहित्यकार ऋतुराज बसंत पांडेय, डॉ. सुधाकर बिबे, विजय गुप्ता, शायर श्री कुमार पाण्डेय, गीतकार विजय तिवारी, बालमुकुन्द श्रीवास, एमडी मानिकपुरी, देवानंद दुबे, अश्विनी पाण्डेय, शैलेन्द्र कुमार गुप्ता, आनंद प्रकाश गुप्ता, सनत तिवारी, कल्याणी तिवारी, पूर्णिमा तिवारी, सरोज ठाकुर, पूजा पांडेय, सुनीता वर्मा, डॉ.सुनीता मिश्रा, कमलेश पाठक समेत जिले के लब्ध प्रतिष्टित साहित्यकार मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन युवा गीतकार नितेश पाटकर ने किया। आभार प्रदर्शन डॉ. सुधाकर बिबे ने किया।

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