बिलासपुर । मस्तूरी में नसबंदी के बाद कुछ महिलाओँ की तबीयत बिगड़ने की खबर को लेकर प्रशासन और स्वास्थ विभाग में हलचल मची हुई है। महिलाओं का इलाज किया जा रहा है और 5 महिलाओं को जिला अस्पताल लाए जाने की भी जानकारी मिल रही है। सीएचएमओ डा. बोर्डे का कहना है कि किसी भी महिला की स्थिति गंभीर नहीं है और वे खुद उनकी देखभाल पर नजर रखे हुए हैं।मिली जानकारी के मुताबिक हाल ही में मस्तूरी के सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र में महिलाओं की नसबंदी की गई थी। नसबंदी के दो दिन बाद कोनी की रहने वाली 5 और लावर की 1 महिला को तकलीफ हुई। बताया गया है कि आपरेशन की जगह पर मवाद की शिकायत होने के बाद इन महिलाओँ को मस्तूरी अस्पताल लाया गया ।
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जहां उनके स्टीच खोलकर फिर से आपरेशन किया गया। लेकिन स्थिति में बहुत अधिक सुधार न होने पर उन्हे फिर से अस्पताल लाया गया। जिला पंचायत सदस्य जगदीश कौशिक ने गुरूवार को सामान्य सभा की मीटिंग में यह मामला उठाया। इसके बाद स्वास्थ विभाग और जिला प्रशासन फिर हरकत में आया।
गौरतलब है कि कुछ समय पहले बिलासपुर में नसबंदी के दौरान बड़ी घटना हुई थी और 13 महिलाओं की जान गई थी। इसके मद्देनजर इस बार खास तौर से ऐहतियात बरती जा रही है।यही वजह है कि मामला सामने आने के बाद पीड़ित महिलाओँ को जिला अस्पताल लाया गया है। जहां उनकी देखरेख की जा रही है। यहां दाखिल की गई महिलाओँ की संख्या 5 है। जिनके नाम पुष्पा- पति हेमलाल, यशोदा -पति लक्ष्मी, गौरी विश्वकर्मा-पति सुरेश , रजनी मनहर – पति ओमप्रकाश, और रुखकमती कैवर्त- पति रीखी बताए गए हैं।
स्थिति सामान्य हैःडा. बोर्डे
इस सिलसिले में जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ अधिकारी डा. बोर्डे ने बताया कि स्थिति सामान्य है। उन्होने बताया कि उन्होने खुद पीड़ित महिलाओँ के घर पहुंचकर उनका हाल जाना और उनके इलाज की व्यवस्था की है। ऐहतियात के बतौर महिलाओँ को जिला अस्पताल में दाखिल करया गयाहै।और वे खुद उनकी देखभाल पर नजर रखे हुए हैं।