महात्मा गाँधी नरेगा व महिला बालविकास की संयुक्त पहल,पौने छह करोड़ से अधिक राशि से बनेंगे 91 आंगनबाड़ी केन्द्र,89000 से ज़्यादा नौनिहालों की दिक्कतें होंगी कम

Chief Editor
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महासमुंद-खुले आसमान या फिर किराए के भवन में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों को जल्द खुद की छत मिलेगी। इसके लिए जिले में महात्मा गांधी नरेगा के तहत 5 करोड़ 87 लाख 95 हज़ार की लागत से 91 आंगनबाड़ी केंद्रों के भवनों को बनाने की हरी झंडी दे दी गई है । इस राशि में मनरेगा से 4करोड़ 55 लाख और महिला बाल विकास (डब्ल्यूसीडी ) से 1 करोड़ 32 लाख खर्च होंगे । सबसे ज़्यादा 40 आंगनबाड़ी केन्द्र बसना जनपद पंचायत में और 25 केन्द्र बागबाहरा जनपद पंचायत में बन रहे है ।सरायपाली में 11, पिथोरा में 9 तथा बाक़ी महासमुंद जनपद पंचायत में बनेंगे । इससे आंगनबाड़ी केंद्रों में पंजीकृत 89300 हजार  नौनिहालों को दिक्कतें कम होंगी। एक भवन में 6 लाख रुपये से अधिक खर्च किए जाएंगे। केंद्रों के भवन बनाने की ज़रूरत महसूस की जा रही थी । ग्राम पंचायत क्षेत्र में पंचायतों के माध्यम से भवन बनाए जाएंगे। इसके लिए पंचायत एवं महिलाबाल विकास की आर से ज़िला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास श्री मनोज सिन्हा ने बता कि आंगनबाड़ी केन्द्रों को सर्वश्रेष्ठ श्रेणी में लाने के लिए तैयारी पूरी कर ली गई है। जिले के विभिन्न जनपद में 91 आंगनबाड़ी केन्द्र की जिला स्तर पर स्वीकृति दी गई है । जिसमे से 91 आंगनबाड़ी केन्द्र बनाने की तैयारी हो गई है। कोरोना एवं लॉकडाउन से पहले जिले में 1763 आंगनबाड़ी केंद्रों में से1625 पूर्ण है। कुछ केंद्र किराए के भवन में एवं कुछ सामुदायिक या अन्य सरकारी भवन में संचालित किए जा रहे हैं।

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आंगनबाड़ी बच्चों की पोषण,स्वास्थ्य और शिक्षा संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति करने के तथा उन्हें अच्छा बेहतर वातावरण मिलें इसके लिए महासमुंद जिले में 91 आंगनबाडी भवन के निर्माण कार्य कराये जा रहे है।कलेक्टर श्री कार्तिकेया गोयल ने 91 आंगनबाडी भवन के निर्माण कार्य कराये जाने की स्वीकृति दी है ।

लेमन ग्रीन विलेज के नाम से पहचाने जाने वाले बाग़बाहराविकासखंड कि ग्राम पंचायत टेमरी में वित्तीय वर्ष 2019-20 की स्वीकृत राशि 6.45 लाख से आंगनबाडी भवन बनाया गया है सरपंच की विशेष रुचि से लॉक डाउन के दौरान गाइड लाइन का पालन करते हुए यह आंगनवाड़ी भवन मात्र 4 माह मे से भी कम समय में बन क़र तैयार हुआ है। आंगनबाड़ी भवनों में सरकार के निर्धारित मानक अनुसार सर्वश्रेष्ठ आंगनबाड़ी केन्द्र की श्रेणी में लाने की भी पूरी तैयारी की गई है । मानक के अनुसार आंगनबाड़ी केन्द्रों को बनाया जाएगा । बच्चों के लिए अच्छा वातावरण मिले नन्ने मुन्ने बच्चों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया है। आंगनबाड़ी में आउटडोर गतिविधियों के लिए चारदीवार भी बनाई गई है ।

मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत डॉ रवि मित्तल ने सभी मुख्यकार्यपालन अधिकारी जनपद को निर्देश दिए है कि वे अपने क्षेत्र के आंगनवाड़ी भवनों जल्दी बनवाए ताकि निकट भविष्य में करवा कर बच्चों को भवन की सुविधा देनी की बात कही गयी साथ ही ये भी कहा प्रत्येक आंगनवाड़ी भवन को लेमन ग्रीन विलेज टेमेरी का अनुसरण कर मॉडल के रूप मे विकसित करें साथ ही जहा स्थान उपलब्ध है वहा खेलने के लिए स्थल के साथ साथ अन्य सुविधा खिलोने, झूले, बोर्ड, किताबें इत्यादि भी उपलब्ध कराई जाये ताकि बच्चों को आंगनबाडी आने मे रूचि बनी रहे..

बाल्यावस्था की विभिन्न अवस्थाओं पर बच्चों की आवश्यकताओं की पहचान करने के लिए ग्राम पंचायतों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है । इसके साथ ही आंगनबाड़ी बच्चों , विशेष रूप से निर्धन और निम्न आय वर्ग परिवारों में बच्चों के स्वास्थ्य और विकास के लिए अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। साथ ही शिशुओं के प्रसवपूर्व और प्रसवोत्तर स्वास्थय, बाल पोषण विद्यालय शिक्षा तथा बच्चों के टीकाकरण में आंगनबाड़ी का विशेष योगदान है ।आंगनबाड़ी छोटे बच्चों की पोषण, स्वास्थ्य और शिक्षा संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति करने के लिए एकीकृत बाल विकास सेवाएँ के कार्यक्रम के रूप में ग्राम स्तर पर सरकार द्वारा समर्थित एक केंद्र है। आंगनबाड़ी 6 वर्ष तक की आयु के बच्चों, किशोर युवतियों, गर्भवती महिलाओं तथा शिशुओं की देखरेख करने वाली माताओं की आवश्यकताओं की पूर्ति करती है।

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