महिला ने दी आत्मदाह की धमकी…आयुक्त और महापौर गायब

BHASKAR MISHRA
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aatmdahबिलासपुर— निगम के सफाई ठेकेदारों ने आज निगम आयुक्त और महापौर का घेराव किया। इस दौरान अपने केबिन से महापौर और आयुक्त नदारद थे।  ठेकेदारों ने कहा कि पिछले छःमहीने से करोड़ों रूपए का भुगतान नहीं किया गया है। उनके सामने सफाई कर्मियों को वेतन देने के लिए कानी कौड़ी तक नहीं है। आर्थिक तंगी से परेशान एक महिला ठेकेदार ने आत्मदाह का ऐलान किया है। रेखा वर्मा ने बताया कि यदि उन्हें छःमहीने का सफाई ठेका का भुगतान नहीं किया गया तो वे आयुक्त कार्यालय के सामने आग लगाकर आत्महत्या कर लेंगी।

                                           पिछले चार दिन से 27 वार्डों की सफाई नहीं होने से सफाई अभियान पर ग्रहण लग गया है। नगर के 27 वार्डों के डेढ दर्जन ठेकेदारों ने तसला और झाडू खूंटी पर टांग दिया है। शहर कचरे के ढेर पर बैठा है। गंदगी को लेकर लोगों में भंयकर आक्रोश है..लेकिन महापौर और आयुक्त अपने ढर्रे से बाज नहीं आ रहे हैं।

                              ठेकेदारों ने बताया कि साल 2013 में 27 वार्डों का सफाई ठेका दिया गया। निगम सरकार ने हर वार्ड के लिए 60 लाख रूपए सफाई के लिए दिया। पिछले छः महीने निगम ने सफाई का भुगतान नहीं किया। आज मजदूरों और उनके सामने रोजी रोटी का संकट गहरा गया है। ठेकेदार सतीष सिंह ने बताया कि पिछले एक महीने से हम लोग सफाई भुगतान का पैसा मांग रहे हैं। आयुक्त और महापौर केवल तारीख पर ताऱीख देने का काम कर रहे हैं।

           सतीष सिंह ने बताया कि पैसा मांंगने पर निगम आयुक्त ठेका निरस्त करने की धमकी देते हैं। हम लोग भी यही चाहते हैं कि हमारा ठेका अब निरस्त कर दिया जाए। 2013 में किया गया सौदा हमारे लिए कोई फायदेमद नहीं है। सरकारी सफाई कर्मियों को महीने की शुरूआत में वेतन मिल जाता है। लेकिन हमारे कर्मचारियों को पैसे के लिए इंतजार करना पड़ता है। हम लोग निगम आयुक्त और महापौर से कई बार आर्थिक तंगी का हवाला दिये लेकिन उन लोगों ने हमारी बातों को कभी गंभीरता से नहींं लिया।

                   सतीश सिंह ने बताया कि सामने दीपावली और नवरात्रि का पर्व है। सफाई कर्मचारी वेतन मांग रहे हैं। हम कब तक घर से पैसे देंगे। घर का सोना चांदी भी तो गिरवी रख दिया है। ऊपर से निगम आयुक्त पैसे मांगने पर ब्लैक लिस्ट में डालने की धमकी दे रहे हैं। हम लोग चाहते हैं कि ब्लैक लिस्ट में भले डाल दिया जाए लेकिन इसके पहले छः महीने का भुगतान भी कर दिया जाए।

             पंकज तिवारी ने बताया कि 16 सितम्बर को 22 ठेकेदारों ने निगम आयुक्त को भुगतान के लिए पत्र दिया। उन्होने बताया कि 23 तारीख को सभी का भुगतान कर दिया जाएगा। मेयर से भी हम लोगों ने मुलाकात की। उन्होने कहा कि आयुक्त को कह दिया गया है कि ठेकेदारों का भुगतान किया जाए। 23 तारीख को आयुक्त ने कहा कि अपर आयुक्त राजेश जायसवाल को पत्र भेज दिया गया है। जल्द ही भुगतान भी हो जाएगा। अपर आयुक्त जायसवाल ने बताया कि उन्हें किसी का पत्र नहीं मिला। महापौर ने भी इस मामले में कुछ नहीं कहा है। दरअसल हमलोगों को आयुक्त और महापौर ने फुटबाल बना दिया है।

                                       ठेकेदारों ने बताया कि छः महीने करोडों भुगतान नहीं होगा हम लोग शहर के 27 वार्डो में झाडू नहीं लगने देंगे। छः महीने का भुगतान कुल साढे तीन करोड़ से अधिक होता है।

आत्मदाह की धमकी

               सफाई ठेकेदार रेखा वर्मा ने विकास भवन में बताया कि यदि तीन दिन के अंदर सफाई ठेके का भुगतान नहीं किया गया तो वह आत्मदाह करेगी। इस रेखा वर्मा के एलान के बाद नगर निगम अमला सकते में आ गया। इस मौके पर निगम महिला कर्मचारियों ने रेखा वर्मा को समझाने का प्रयास किया। लेकिन उन्होने निर्णय को लेकर टस से मस होने से इंकार कर दिया।

महापौर गायव..आयुक्त रायपुर रवाना

                               ठेकेदारों का तेवर देख आज महापौर निगम में कहीं नहीं दिखाई दिये। स्वास्थ्य अधिकारी ओंकार शर्मा ने बताया कि निगम आयुक्त जरूरी काम से रायपुर गए है। दोपहर तक कोई भी सफाई ठेकेदार और कर्मचारी मेरे पास किसी भी मामले में मुलाकात करने नही आया। ठेकेदारों की समस्या को लेकर आयुक्त ने मुझे किसी प्रकार का निर्देश भी नहीं दिया है। रायपुर से आने के बाद निगग सफाई ठेकेदारों से आयुक्त मुलाकात करेंगे।

ब्लैक लिस्ट और केस करने की धमकी

       ठेकेदार पाठक ने बताया कि निगम आयुक्त तानाशाह हो चुके हैं। उनसे जब भी मिलने का प्रयास किया गया वे समय नहीं होने का हवाला देते हैं। पाठक ने बताया कि सौमिल रंजन चौबे हर बार कहते हैं कि मैं भी स्थानीय हूं। किसी से डरने वाला भी नहीं हूं। भुगतान की चर्चा होते ही ब्लैक लिस्ट में डालने की धमकी देते हैं। उन्होने ठेकेदारों के साथ हमेशा उपेक्षित व्यवहार किया है। कहते हैं कि हमारे पास छोटे मोटे काम के लिए समय नहीं है। बड़ा काम हो तो बताओ अन्यथा केबिन से बाहर निकलो।

ज्यादातर भाजपा ठेकेदार

                              निगम आयुक्त के केबिन के सामने ठेकेदारों ने धरना देकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान निगम की दो महिला ठेकेदार भी उपस्थित थीं। रेखा वर्मा और रेखा सूर्यवंशी ने बताया कि सफाई कर्मचारियों का उन पर लगातार दबाव बढ़ गया है। यदि तीन दिन के भीतर  भुगतान नहीं हुआ तो वह आत्मदाह कर लेगी।

                     27 वार्डों का सफाई ठेका ज्यादातर सत्ता पक्ष के जिम्मेदार हाथों में है। इनमे से कुछ एल्डरमैन है या फार्षद। कुछ भाजपा संगठन के सक्रिय नेता भी हैं। कुछ लोग के पास खुलेआम सफाई का ठेका है तो कुछ लोग दूसरों के नाम पर सफाई ठेका लेकर काम कर रहे हैं। इनमें से पंकज तिवारी, विजय ताम्रकार, प्रवीण सेन,महेश चन्द्रिकापुरे,रमेश जायसवाल,अनुज टंडन, बजरंग शर्मा, श्याम साहू का नाम मुख्य है। पंकज तिवारी ने खुलेआम कहा कि वह अब सफाई ठेका नहीं चाहते।

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