महिला शिक्षा कर्मियों का दर्द सुनने वाला कोई नहीं…. बरसों से परिवार से दूर रहकर दे रहीं सेवाएं.. खुली स्थानांतरण नीति जरूरी

Chief Editor
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रायपुर । प्रदेश में महिला शिक्षा कर्मियो की स्थिति सबसे दयनीय है।खासकर विवाह के बाद महिलाओं का जीवन  दो नाव पर सवार है। ज्यादातर महिला शिक्षा कर्मी अपने परिजनों से दूर है। कोई आठ दस साल तो…. कोई बीस साल से अपने मूल निवास से दूर है या तो फिर विवाह के बाद अलग- अलग निवास कर रहे है। जिसके लिए ज़िमेदार शिक्षा कर्मियो की ट्रांसफर नीति है।
नवीन शिक्षाकर्मी संघ महिला मोर्चा की रायपुर जिला अध्यक्ष एवम् प्रदेश प्रवक्ता गंगा पासी ने बताया कि  शिक्षा विभाग और पंचायत विभाग को संघों ने कई ज्ञापन दे दिए है। हर बार आश्वासन मिलता है ।  लेकिन अब तक शिक्षा विभाग कुछ नही कर पाया है। ये अधिकायो और सरकार की मंशा इस पर सवाल उठता है। कि अब तक क्यो नही  कोई ठोस नीति बना नही पाई है।प्रदेश के लगभग सभी शिक्षा कर्मी संघो ने इस बारे में सरकार को कई बार ज्ञापन भी सौपा है। गंगा पासी ने कहा कि व्यवस्थाओं को ऐसा लचर बना दिया गया है कि पंचायत और शिक्षा विभाग महिला शिक्षा कर्मीयो की पीड़ा को आज तक महसूस नही कर पाया है।  एक ओर महिलाओं का बड़ी मात्रा में शिक्षाकर्मी बनना महिला सशक्तिकरण की ओर एक मजबूत कदम है। लेकिन दूसरी तरफ सरकार की लचर व्यवस्था के आगे महिलाए लाचार नजर आ रही है। छत्तीसगढ़ में यह किस तरह का विरोधाभास है।  गंगा पासी ने बताया कि महिला शिक्षाकर्मी राज्य बनने के बाद से खुली स्थानान्तरण नीति की बाट देख रही है।हमने कई बार शासन का ध्यान आकर्षित किया है। शासन की बेरुखी ट्रांसफार नीति ने महिलाओं के जीवनकाल का एक महत्वपूर्ण समय परिजनों के दूर रह कर बिता दिया है। परन्तु आज भी महिला शिक्षा कर्मीयो के हौसले बुलंद है।
उन्होंने बताया कि ओड़गी ब्लाक की कामनी ठाकरे जिसका पति नहीं  है वो अपने परिवार से बिलकुल दूर जंगल क्षेत्र अपनी सेवा दे रही है।उनके साथ आते जाते अनहोनी घटना भी घट चुकी हैं। फिर भी हिम्मत के साथ काम कर रही है। गंगा पासी ने कहा कि ट्रांसफार के अब तक  दो ही नियम है । जिसमें एक पति –  पत्नी को एक ही स्थान पर रखा जाना है  ओर दूसरा मैच्युअल व्यवस्था है…. जिसका फायदा कुछ लोगो को ही मिला है।अधिकाँश महिलाएँ अपने परवार से दूर रहकर सेवाएँ दे रही हैं। महिला पदाधिकारी ने बताया कि कहा कि शासन  ट्रांसफर नीति मे बदलाव करे तथा खुला स्थानान्तरण की नीति को लागू करे और महिलाओं को प्राथमिकता दे।
नवीन शिक्षाकर्मी संघ के प्रदेश अध्यक्ष और  शिक्षक मोर्चे के संचालक विकास सिंह राजपूत ने  भी  खुली स्थानांतरण नीति लागू करने की मांग करते हुए कहा की स्थानांतरण  सहित अन्य समस्याओ का समाधान समस्त शिक्षाकर्मियों के शिक्षा विभाग मे संविलियन से ही संम्भव है।सरकार को शिक्षाकर्मियों के संविलियन पर जल्दी ही निर्णय लेना चाहिए।
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