महिला शिक्षा कर्मियों की मुख्यमंत्री से माँगः ‘ शक्ति पर्व ‘ में संविलयन देकर ‘ ज्ञान शक्तियों ‘ को कर सकते हैं प्रसन्न

Chief Editor
2 Min Read
रायपुर । शिक्षा कर्मी संगठन से जुड़ी महिला शिक्षा कर्मियों ने मुखयमंत्री से शक्ति पर्व नवरात्रि के दौरान शिक्षा कर्मियों के संविलयन की घोषणा की माँग की है। उन्होने कहा है कि प्रदेश का समुचित विकास तभी हो सकता है , जब शिक्षक को उचित सम्मान मिले। उन्हे सम्मान दिलाने के लिए यह पर्व उचित समय है।
उनका कहना है कि नवरात्र का पर्व शक्तिआराधना का पर्व माना जाता है। प्रदेश के 1 लाख 80 हजार  शिक्षाकर्मियों में सर्वाधिक संख्या महिला शिक्षाकर्मियों की है। पिछले दिनों संविलियन की मांग को लेकर  हुए आंदोलन में महिला शिक्षाकर्मियों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था, यहां तक कि बड़े पैमाने पर गिरफ्तारियां भी दी थी।
डाउनलोड करें CGWALL News App और रहें हर खबर से अपडेट
https://play.google.com/store/apps/details?id=com.cgwall
हमसे facebook पर जुड़े-  www.facebook.com/cgwallweb
twitter- www.twitter.com/cg_wall
आज चल रहे केबिनेट की  अहम बैठक के बीच प्रदेश के महिला शिक्षाकर्मियों का प्रतिनिधित्व करने वाली शालेय शिक्षाकर्मी संघ के प्रांतीय पदाधिकारियों ने खुलकर अपनी बात कही। प्रान्तीय उपाध्यक्ष डॉ सांत्वना ठाकुर ने कहा कि- अभी नवरात्रि का पर्व है, मुख्यमंत्री  शक्ति के आराधक माने जाते हैं । प्रदेश में हम शिक्षाकर्मी जो बच्चो का भविष्य गढ़रहे हैं ज्ञानशक्ति का ही  रूप हैं ।मुख्यमंत्री  आज संविलियन की घोषणा करके हम ज्ञानशक्तियों को प्रसन्न कर सकते हैं।
प्रान्तीय महासचिव बुशरा परवीन और स्मृति वीरेंद्र दुबे ने कहा कि- प्रदेश का समुचित विकास तभी कहलायेगा जब शिक्षक को उचित सम्मान मिलेगा। प्रदेश की भावी पीढ़ी का भविष्य गढ़ने वालों का भविष्य संविलियन देकर ही मुख्यमंत्री  संवार सकते हैं।प्रान्तीय प्रवक्ता दीपिका झा ने कहा कि- हमने मुख्यमंत्री  की बात को मानकर अपने आंदोलन को स्थगित किया था । अब मुख्यमंत्री  भी अपने संविलियन करने के अपने वादे को पूर्ण करे।शिक्षक पँ ननि मोर्चा के प्रांतीय उपसंचालक जितेन्द्र शर्मा ने बताया कि *हाईपावर कमेटी का 1 माह बढाया हुआ कार्यकाल भी अब समाप्ति पर है।यदि संविलियन की घोषणा जल्द नही की गई तो 3 अप्रैल से होने वाले बोर्ड परीक्षा के मूल्यांकन कार्य का बहिष्कार किया जावेगा।
close