‘माँ’ के दर पर साहस,सकून और शान्ति

Shri Mi
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sp_pandey(सत्यप्रकाश पाण्डेय)अटूट श्रद्धा, विश्वास और आस्था का एक दर जहां मन्नतों के बंधे असंख्य श्रीफल-धागे और चुनरी इस बात का प्रमाण है की मांगी गई मुराद जरूर पूरी होगी। जंगल के बीच बैठी उस माँ के दरबार में भक्तों की भीड़ साल भर देखने को मिलती है। माँ का दरबार भक्तों के लिए श्रद्धा का एक ऐसा केंद्र बन चुका है की तमाम परेशानियों के बावजूद भक्त माँ के चरणों में शीश नवाने पहुँच जाते हैं। सड़क मार्ग से पहुंचना कठिन हैं। रेल मार्ग से पहुंचकर ज्यादातर भक्त माँ का दर्शन पाते हैं। बिलासपुर जिला मुख्यालय से करीब-करीब 100 किलोमीटर की दूरी पर ग्राम भनवारटंक जहां स्थित है माँ मरही माता का सिद्ध मंदिर।

             
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                                                                marhi_mata_fileइस मंदिर की देवी को लेकर कई किवदंतियां हैं लेकिन वर्तमान परिपेक्ष्य में माँ मरही माता के दर से अटूट आस्था और विश्वास रखने वाले भक्त मानते हैं ‘माँ’ के दर में पहुँचने से उन्हें साहस, सकून और शान्ति मिलती है। जंगल के बीच रेल पटरियों के किनारे माँ मरही माता के मंदिर में आज भी बलि दी जाती है। सालों पुरानी बलि की परंपरा आज कम ही मंदिरों में देखने को मिलती है। यहां भक्तों की माँ के प्रति विश्वास की एक और झलक दिखाई पड़ती है। मंदिर प्रांगण की कोई ऐसी जगह नहीं जहां आस्थावानों ने चुनरी में लिपटे श्रीफल, रक्षा सूत्र और चूड़ियां ना बाँध रखीं हों। बिलासपुर जिले के अलावा इस मंदिर तक पहुँचने वाले भक्त दूसरे जिलों और प्रांत से भी है। माँ के मंदिर के आस-पास मेले सा माहौल दोनों ही नवरात्री में देखा जा सकता है।

                                                                 बिलासपुर से अगर रेल मार्ग से इस जगह तक पहुंचना है तो कटनी की दिशा में जाने वाली किसी भी पैसेंजर ट्रेन के जरिये भनवारटंक पहुंच सकते हैं। रेल मार्ग से भनवारटंक स्टेशन की दुरी बिलासपुर से 90 किलोमीटर है जहां पहाड़ियों के बीच से गुजरती रेल लाइन यहां की मनोरम वादियों का दीदार भी करवाती हैं। सड़क मार्ग से पहुँचने के लिए कई रस्ते हैं। बिलासपुर से बेलगहना-खोंगसरा होते हुए या फिर केंवची मार्ग से लेकिन रास्ता दुर्गम है इस कारण कई वाहन वहां तक नहीं पहुँच पाते।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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