माई बेबी एण्ड मी..कार्यशाला में बोले चिकित्सक..28 दिन का समय बहुत महत्वपूर्ण..मा को चाहिए पौष्टिक आहार

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर… एक निजी प्रतिष्ठान में हिमालया बेबीकेयर के बैनर तले माय बेबी एन्ड मी श्हेल्थ केयर एजुकेशन कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस दौरान शिशु रोग विशेषज्ञों ने माताओं को टीकाकरणएनवजात शिशुओं की सेहत पर विशेष ध्यान रखे जाने की बात कही। साथ ही नवजात बच्चे के पालन पोषण को लेकर जरूरी टिप्स भी दिए।

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एक निजी प्रतिष्ठान में हिमालया के बैनर तले माय बेबी एण्ड मी हेल्थ केयर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में शिशु रोग विशेषज्ञों ने नवजात शिशुओं से लेकर बढ़ते बच्चों के पालन पोषण को लेकर विशेष टिप्स भी दिए। डॉण् शशांक सिंह ने बताया कि बच्चों की सेहत और विकास संबंधित चिंताओं के बारे विस्तार से प्रकाश डाला। डॉ शंशाक ने कहा कि हिमालया ने कार्यक्रम के माध्यम से बताने का प्रयास किया कि बच्चों के प्रति माताओं को सजगता किस हद तक जरूरी है।

हिमालया की माय बेबी एन्ड मी एक राष्ट्रीय पहल है। पिछले कुछ सालों में इस प्रकार का आयोजन इंदौरए अहमदाबादए कोच्चिए जयपुरए कोलकाताए नागपुरएदेहरादून जैसे 34 बड़े शहरों में किया गया है। जो निश्चित रूप से ना केवल बच्चों बल्कि माता और पिता के लिए भी जरूरी है।


हिमालया बेबीकेयर के बिजनेस हेड चक्रवर्ती ने बताया कि माता.पिता के पास आमतौर पर अपने बच्चे की सेहतएसोने के तरीकेए शिशु की मालिश से जुड़े कई सवाल होते हैं। सही जवाब ढूंढने की कोशिश करते रहते है। माय बेबी एन्ड मी की पहल माताओं के लिए ऐसा मंच है जहां देश के नामचीन डॉक्टर माताओं के सवालों का समाधान करने के लिए मौजूद है।

मंच के माध्यम से माताओं को बच्चों की स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं का समाधान किया जाता है। मेरियाट में आयोजित कार्यक्रम में 65 से अधिक महिलाओं ने हिस्सा लिया । कार्यक्रम में मुख्य रूप से स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉण् सविता सिंह गौतमए बाल विशषज्ञ डॉण् शशांक सिंह और फिजियोथेरेपिस्ट डॉण् विक्रम द्विवेदी इस दौरान ना केवल बच्चों से जुड़ी बल्कि माताओं से जुड़ी परेशानियों वाले सवालों का भी जवाब दिया।

डॉ शशांक ने कहा कि नवजात शिशुओं के लिए नियमित स्वस्थ जांच बहुत जरूरी है। वेक्सिनेशन से बच्चों को गंभीर बीमारियों से सुरक्षित रखते हैं। माय बेबी एन्ड मीश् पोस्टनैटल केयरए पोस्टमार्टम फैमिली प्लानिंग और स्तनपान के बारे में डॉण् शंशाक ने विस्तार से जानकारी दी।

डॉ सविता ने बताया कि नियोनेटल की अवधि यानि जन्म से 28 दिनों का समय नवजात के लिए खतरे का होता है । यह समय माँ और बच्चे दोनो के लिए ही महत्वपूर्ण होता है। स्वस्थ्य रहने के लिए महिलाओं को फलएसब्जियों और दालों वाला सेहतमंद आहार का सेवन करना चाहिए। स्वस्थ आहार से माँ एक्टिव बनी रहती है। जिसका सीधा फायदा शिशु को होता है। रोग प्रतिरोधक प्रणाली को बेहतर काम करने में मदद मिलती है ।

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