मानवीय चूक से मौत..गौ सेवा चेयरमैन ने कहा..राजनीति नहीं..अन्यथा..रमन को बताना होगा बेमेतरा में क्या हुआ

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— गौसेवा चेयरमैन महन्त रामसुन्दर दास आज यकायक बिलासपुर दौरे पर पहुंचे। सीधे रायपुर से पहले मेढपार, फिर लाखासार और अन्त में मोपका गौठान का निरीक्षण किया। उन्होने लाखासार और मोपका गौठान की स्थिति को लेकर बहुत ही खुशी जाहिर की। लेकिन मेढ़ापार को लेकर दुख जाहिर किया। उन्होने कहा कि मेढ़ापार में बहुत बड़ी मानवीय चूक हुई है। बातचीत के दौरान सामने आया कि लोगो ने मिलकर स्वच्छन्द मवेशियों को जर्जर भवन में रखा। दम घुटने से 47 गायों की मौत हो गयी। बहुत ही हृदय विदारक घटना है। अब ऐसा कभी भी कही ना हो इसके लिए ठोस प्रयास किया जाएगा। रामसुन्दर दास ने कहा कि मैं यहां राजनीति करने नहीं आया हूं। रही बात जब रमन और धरम पूछेंगे तो बताउंगा कि राजनीति करने से पहले बेमेतरा गौशाला को याद कर लिया जाए। क्योंकि मेढपार में गौशाला है ही नहीं।

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                 जानकारी हो कि एक दिन पहले मेढपार मे जर्जरभवन में संख्या से अधिक गायों को रखने से 47 की दम घुटने से मौत हो गयी। इसके बाद देश और प्रदेश में खबर बिजली की तरह फैल गयी। विपक्ष ने प्रदेश सरकार पर जमकर निशाना साधा। जिला प्रशासन ने तत्काल अज्ञात आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर चार सदस्यी जांच कमेटी का एलान किया। साथ ही तीन दिनों के अन्दर रिपोर्ट पेश करने को कहा।

            घटना के दूसरे दिन छत्तीसगढ़ गौसेवा आयोग के चैयरमैन महन्त रामसुन्दर दास बिलासपुर पहुंचे। उन्होने मेढ़ापार पहुंचकर स्थानीय लोगों से वस्तुस्थिति को लेकर चर्चा की। इसके अलावा लाखासार और मोपका स्थित गौठान का औचक निरीक्षण किया। 

            सवाल जवाब के दौरान महन्त रामसुन्दर दास ने बताया कि मेढ़ापार में बहुत बड़ी मानवीय चूक हूई है। इतना बड़ा हादसा ग्रामीणों की भारी लापरवाही और नासमझी से हुई है। हमने बातचीत के दौरान पाया कि रोज की तरह लोगों ने इधर उधर घूमने वाली गायों हमेशा की तरह जर्जर भवन में रखा। इस बार संख्या अधिक थी। जिसके कारण 47 गौवंशीय की मौत हो गयी। मामले में कलेक्टर ने चार सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है। जल्द ही रिपोर्ट सामने आ जाएगा। जो दोषी हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। रामसुन्दर दास ने यह भी बताया कि हमने भी निरीक्षण किया है। रिपोर्ट सीएम और कृषि मंत्री के सामने रखेंगे।

                  दोषी कौन के सवाल पर गौसेवा चेयरमैन ने कहा कि रिपोर्ट के बाद नाम सामने आ जाएगा। चूक तो हुई ही है। चूक के कारण ही गौवंशीय की मौत हुई है। जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई भी होगी। अब व्यवस्था कुछ ऐसी करेंगे कि आने वाले समय में इस प्रकार की हादसों की पुनरनावृत्ति कभी ना हो।

          सवाल जवाब के दौारन महन्त ने कहा कि मामले में राजनीति करने नहीं आया हूं। यह सहज बात भी नहीं है। मैं स्वयं गौ सेवक हूं। इसकी पीड़ा का मुझे अहसास है। उन्होने यह भी कहा कि हादसा तो हुआ है। लेकिन यह कहना कि जहां गाय रखी गयीं थी..वह कांजी हाउस या गौठान है। सरासर गलत है। मेढापार में ना तो कांजी हाउस है और ना ही गौठान ही  है। ग्रमीणों ने खुद स्वीकार किया कि उन्होने ही हमेशा की तरह गाय को जर्जर भवन रखा। और गाय मर जाएंगी इसकी उम्मीद नहीं थी।

 राजनीति नहीं करने आया..करूंगा तो जरूर पूछुूंगा

                 पूर्व मुख्यमंत्री के बयान पर महंत रामसुन्दर दास ने कहा कि मै राजनीतिक करने नहीं आया। यदि करना होगा तो पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और नेता प्रतिपक्ष से जरूर पूचूंगा कि बेमेतरा गौशाला में क्या हुआ।

                  आकिर बेमेतरा और मेढ़ापार में क्या अन्तर देखते हैं। रामसुन्दर दास ने कहा कि दोनों घटनाओं में जमीन आसमान का अन्तर है। बेमेतरा में गायों की हत्या हुई। यहां हत्या नहीं कहा जा सकता है । क्योंकि यहां ना तो कांजी हाउस है और ना ही गौशाला। यहां बहुत बड़ी स्थानीय स्तर पर मानवीय चूक हुई है। उन्होने कहा कि बेमेतरा स्थित गौशाला में गायों की हत्या हुई। गौशाला अधिकारी ने गायों के हिस्से की राशि में भारी भ्रष्टाचार किया। राशि का उपयोग गौसेवा की वजाय कहीं दूसरी जगह किया।

नीतियां भी ठीक..और जमीन पर भी  

            गौसेवा चैयरमैन ने कहा कि हमारी नीतियां भी ठीक है। योजनाएं भी जमीन पर ही है। लेकिन मेढपार में जब गौशाला है ही नहीं तो वहां नीतियों को लेकर बात करना ठीक नहीं है। क्योंकि मेढ़ापार के ग्रामीणों ने ही बताया कि उन्होने हमेशा की तरह गायों को जर्जर भवन में रखा। जिसकी कल्पना नहीं थी..वह हो गया।  गौसेवा चेयरमैन ने कहा कि अब ऐसा नहीं होगा। लेकिन दोषी के खिलाफ कार्रवाई जरूर होगी।

मोपका गौठान की तारीफ

                  इस दौरान चैयरमैन ने कहा कि मोपका गौठान बहुत सुन्दर है। यहां आकर अच्छा लगा। लाखासार गौठान भी अच्छा है। गायों की दोनों जगह सेवाएं हो रही है। खासकर मोपका गौठान भविष्य में बहुत सुन्दर बनेगा। क्योंकि आज ही बहुत अच्छा है।

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