बिलासपुर—गैर अनुदान प्राप्त शिक्षण संस्था संघ ने जिला प्रशासन को दो बिन्दुओं की अपनी समस्या को जाहिर किया है। गैर अनुदान प्राप्त शिक्षण संस्था संघ मस्तूरी के अध्यक्ष ने बताया कि आनलाइन क्लासेस शुरू हो चुके हैं। लेकिन अभी तक शासन की तरफ से अशासकीय स्कूलों को पाठ्य पुस्तक नही मिला है। जबकि शासकीय स्कूलों में एक महीने पहले किताबों का वितरण कर दिया गया है।
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संगठन के अध्यक्ष ने बताया कि एक महीने पहले सभी शासकीय स्कूलों को पाठ्य पुस्तक उपलब्ध करा दिया गया है। लेकिन निजी स्कूलों को पाठ्य नहीं दिया गया। जिसके चलते आन लाइन क्लासेस प्रभावित हुई है।
दीपक शर्मा ने बताया कि अभी तक किसी भी अशासकीय स्कूलों ने फीस की वसूली नहीं किया है। जिसके चलते शिक्षकों मानदेय नहीं दिया जा सका है। फीस नही मिलने से स्कूली व्यवस्था बनाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
दीपक ने अपने पत्र के माध्यम से बताया कि अभी तक पिछले दो सालों से विभाग ने निजी संस्थाओं को आरटीई अन्तर्गत मिलने वाली राशि का भुगतान नहीं किया है। इससे निजी संस्थाओं को घोर आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है।
गैर अनुदान प्राप्त शिक्षक संस्था के सदस्यों ने कहा कि पाठ्य पुस्तक का जल्द से जल्द वितरण किया जाए। साथ ही फीस और आरटीआई शुल्क का भुगतान कराने का निर्देश देते हुए संस्थाओं के अस्तित्व को बचाने में सहयोग करें।