मायने नहीं रखता जगह– अमित जोगी

BHASKAR MISHRA
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AMIT JOGIरायपुर—मरवाही विधायक  अमित जोगी ने कहा कि “कल से शुरू हो रहे छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र में मेरी जगह को लेकर हो रही चर्चा पर मैं सिर्फ इतना कहूँगा कि मेरे लिए जगह का कोई मायने नहीं है । सदन के अंदर एक कोना काफी है….छत्तीसगढ़ की ढाई करोड़ जनता की आवाज़ उठाने के लिए”

              जोगी ने कहा कि जनसाधारण से जुड़े कई ऐसे गंभीर मुद्दे हैं जिस पर बजट सत्र में चर्चा होना जरुरी है। मेरा ध्यान उन मुद्दों को उठाने और सदन की सहमति बनाने में है।अपनी बात कहने के लिए सदन ने हर सदस्य को पर्याप्त अधिकार दिए हैं। सदन के अंदर मुद्दों पर चर्चा होती है, अगर किसी मुद्दे पर मेरे विचार, साथी सदस्यों से मिलेंगे तो एक मत से चार मत और चार से चालीस मत हो सकते हैं।

                साल 2015 के बजट सत्र से शीतकालीन सत्र तक मैंने युवाओं, किसानों, शिक्षा और स्वास्थ्य से जुड़े कई मुद्दे उठाये और संबंधित चर्चाओं में प्रभावी रूप से भाग लिया है। आउटसोर्सिंग जैसे अति संवेदनशील मुद्दे पर सरकार का चैलेंज भी सदन के अंदर स्वीकारा और सड़क की लड़ाई लड़ी। सरकार की इस जनविरोधी नीति के विरुद्ध पूरे प्रदेश में जागरूकता लाने का काम किया। सरकार को आउटसोर्सिंग रोकने नीति बदलने सुझाव भी दिए। सरकार छत्तीसगढ़ के लाखों बेरोजगारों के हितों की परवाह  किये बगैर, अब भी अपने एजेंडे पर कायम है।

               जोगी ने कहा कि कल शुरू हो रहे बजट सत्र में भी मैं आउटसोर्सिंग, पोलावरम, सूखा राहत, किसानों की दशा, दलितों और आदिवासियों पर लगातार बढ़ रहे अत्याचार, वन भूमि जैसे अनेक जनहित मुद्दों को प्रभावी ढंग से सदन के सामने रखूँगा । सरकार को जनविरोधी नीतियों को लागू करने से रोका जा सके।

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