“मिस्ड कॉल गुरुजी” मॉडल की सराहना,की-पैड मोबाइल वाले बच्चों की भी हो रही पढ़ाई,सूरजपुर जिले के शिक्षक ने किया है इजाद

Chief Editor
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सूरजपुर-(मनीष जायसवाल)जिला कलेक्टर रणवीर शर्मा के निर्देशन में नवाचार माडल मिस्ड कॉल गुरूजी को सूरजपुर जिले में  कोरोना महामारी के दौर में  वैकल्पिक अध्यापन व्यवस्था के रूप में लागू किया गया। जानकारी देते हुए इस नवाचार माडल के अनुसंधानकर्ता टीम के प्रमुख  शिक्षक गौतम शर्मा ने बताया कि 28 जुलाई 2020 के राज्य स्तरीय वेबिनार में जिले के इस माडल को सराहा गया था, जिसके बाद जिला कलेक्टर ने इसे गंभीरता से लेते हुए महत्वपूर्ण सुझाव दिए , उन सुझावों को इस नवाचार कार्यक्रम में जोड़ते हुए अब हम एक मिस्ड कॉल से एक साथ कान्फ्रेन्स कॉल के माध्यम से  एक कक्षा के पाँच छात्रों को एक साथ बड़ी आसानी से पढ़ा रहे है और छात्रों की शंकाओं का समाधान फोन पर ही कर रहे है। जिन बच्चों के पास स्मार्टफोन उपलब्ध था वे पढाई तुंहर द्वार से वंचित थे।परन्तु मिस्ड कॉल गुरुजी कि-पेड मोबाइल वाले छात्रो  के लिए काफी उपयोगी सिद्ध हो रहा है। सुरजपुर जिले का  यह मॉडल वर्तमान में मिस्ड कॉल गुरूजी के इस वैकल्पिक शिक्षा व्यवस्था के नवाचार माडल को छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार , जांजगीर-चांपा, सरगुजा, दुर्ग, कोंडागांव और बस्तर जिले के शिक्षकों ने भी अपना लिया हैं।CGWALL NEWS के व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां क्लिक कीजिए

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शिक्षक गौतम शर्मा ने बताया कि जिला मिशन समन्वयक समग्र शिक्षा शशिकांत सिंह द्वारा कोरोना वैश्विक महामारी में अध्यापन हेतु वैकल्पिक शिक्षा व्यवस्था मिस्ड कॉल गुरूजी को जिले के समस्त स्कूलों में लागू करने हेतु जारी आदेश के परिपालन मेंप्रधानपाठक विनिता सिंह के नेतृत्व में विकासखण्ड सूरजपुर के शासकीय प्राथमिक शाला चट्टीडांड़ (जयनगर) में  वैकल्पिक शिक्षा व्यवस्था के नवाचार माडल मिस्ड कॉल गुरूजी को प्रारंभ किया। इस नवाचार माडल का लाभ बच्चों तक पहुँचाने के लिए विद्यालय के शिक्षकों ने बच्चों के घर – घर जाकर उन्हें  इस वैकल्पिक शिक्षा व्यवस्था के बारे में जानकारी दी एवं स्वयं के व्यय से पम्पलेट छपवाकर मिस्ड कॉल गुरूजी का मोबाइल नम्बर और कक्षावार व विषयवार समय – सारणी बच्चों को उपलब्ध कराया ।

आपको बताते चले कि  स्कूल शिक्षा विभाग छत्तीसगढ़ द्वारा  28 जुलाई को छत्तीसगढ़ में बच्चों के सीखने – सिखाने को जारी रखे जाने हेतु सामुदायिक पहल स्वस्फूर्त शिक्षकों द्वारा अपनाएँ जा रहे कुछ नवाचारी माडल पर चर्चा हेतु मुमकिन है । शीर्षक से ऑनलाइन वेबिनार आयोजित किया गया था,जिसमें प्रदेश के कई शिक्षक, शिक्षाविद् और अधिकारी-कर्मचारियों  ने अपने जिले में कोरोना जैसे संकटकाल में बच्चों की पढ़ाई  को जारी रखने के लिए किए गए अपने -अपने नवाचार और अनुभव साझा किए ,जिसमें से 8 जिले के श्रेष्ठ नवाचार और सुझाव छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला, डीपीआई के संचालक जितेंद्र शुक्ला और सहायक संचालक समग्र शिक्षा डॉ.एम.सुधीश के समक्ष शिक्षकों, अधिकारी और कर्मचारियों ने प्रस्तुत किए ,उनमें से एक नवाचार माडल मिस्ड कॉल गुरूजी सूरजपुर जिले के शिक्षक गौतम शर्मा ने प्रस्तुत किया ,जो एक श्रेष्ठ वैकल्पिक शिक्षा व्यवस्था नवाचार माडल है।

 इस नवाचार का लाभ सीधे उन सभी बच्चों को मिलेगा ,जिनके पास स्मार्टफोन की सुविधा नहीं है, इस नवाचार के तहत् पालकों के ऊपर किसी भी प्रकार का वित्तीय भार नहीं आ रहा है और बच्चे सीधे अपने साधारण मोबाइल से सिर्फ एक मिस्ड कॉल करके मिस कॉल गुरुजी से जुड़कर अपनी कक्षानुसार पढ़ाई जारी रखे हुए हैं । इस वैकल्पिक शिक्षा व्यवस्था के माध्यम से बच्चे कोरोना वायरस के संक्रमण से घर पर पूर्णत: सुरक्षित रहते हुए अपनी पढ़ाई नियमित जारी रख पा रहे हैं ।

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