बिलासपुर—कांग्रेस से निष्कासित नेता अमीत जोगी ने इस बार मीडिया समूहों और पत्रकारों पर निशाना साधा है। उनका कहना है कि प्रदेश में केवल अंतागढ़ आडियो टेप काण्ड ही विषय नहीं है। समस्याएं बहुत है। लेकिन मीडिया की नज़र उस तरफ जानबूझकर नही जा रही है। उन्होने कहा कि है कि राज्य की मीडिया अंतागढ़ में अस्वाभाविक रूचि लेते हुए मुद्दे को जरुरत से ज्यादा कवरेज दे रही है।
जोगी के अनुसार राज्य में किसानों की आत्महत्या का मामला. हमारी असंवेदनशील राज्य सरकार ने हमारे किसान भाइयों से वादाखिलाफी कर उन्हें बोनस, न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी और सूखे से प्रभावितों को समय पर सहायता से वंचित रखा है। जिसके चलते किसान आत्महत्या करने को मजबूर हैं। अमित जोगी के अनुसार छत्तीसगढ़.. किसानों की आत्महत्या के मामले में देश में चाौथे से तीसरे स्थान पर पहुँच गया है। लेकिन इस तरफ नजर नहीं डालते हुए मीडिया असंवेदनशीलता का परिचय दे रहा है।
राज्य में भ्रष्टाचार चरम पर है, नक्सली हिंसा, राजकोषीय घाटा, खस्ताहाल वित्तीय स्थिति, बिजली कटौती और दरों में लगातार बढ़ोतरी, आउटसोर्सिंग से प्रभावित प्रदेश के लाखों युवा और योग्य बेरोजगारों को अधिकार से वंचित किया है। इन सभी अति महत्वपूर्ण मुद्दों को स्थानीय मीडिया ने बैक सीट में डाल दिया हैं।
प्रेस को जारी विज्ञप्ति में अमित जोगी ने मीडिया को इन प्रश्नों को सामने नहीं लाने के लिए दोषी बताया है। साथ ही अंतागढ़ प्रकरण को लेकर ज्यादा ही तूल देने का आरोप लगाया है। समझने वाली बात है कि अमित जोगी ने ही इस पूरे प्रकरण को मीडिया के सामने लाने का सबसे पहले कदम उठाया। इस सोच के साथ कि सिविल लाइन थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाने के बाद मीडिया का उन्हें भरपूर समर्थन मिला। समय ने करवट लिया और जोगी की चतुराई निष्कासन के साथ खत्म हो गयी ।अमित जोगी का मीडिया को कोसना कितना जायज है। मुद्दों को गढ़ना और भटकाने उन्हें खूब बनता है। अब जब माहौल उनके पक्ष नहीं होता दिख रहा है तो मीडिया को उन्होंने कोसना शुरू कर दिया है।