बिलासपुर— मुंगेली नगर पालिका सीएमओ के खिलाफ कांग्रेस पार्षद और संगठन के नेताओं में लगातार आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है। सीएमओ की मनमानी से परेशान संगठन के नेताओं और काग्रेस पार्षदों ने मुहिम चलाकर राजेन्द्र पात्रे को मुंगेली से हटाने का फैसला किया है। जबकि सीएमओ के व्यवहार और कार्यक्षमता को लेकर कांग्रेसियों ने पहले भी मुख्यमंत्री से शिकायत की है। लेकिन मुंगेली नगर पालिक परिषद मुख्य कार्यपालन अधिकारी रात्रे अब भी अंगद की पांव की तरह जमा है। इस बात को लेकर संगठन और नगर पालिका परिषद के पार्षदों में गहरी नाराजगी है। मजेदार बात है कि विरोध के बाद भी मुंगेली सीएमओ के स्वभाव में परिवर्तन देखने को नहीं मिल रहा है।
बताते चलें कि जिला मुंगेली कांग्रेस अध्यक्ष समेत नगर पालिका अध्यक्ष सावित्री सोनी ने सीएम भूपेश बघेल को पत्र लिखकर रात्रे को हटाए जाने की मांग की थी। कार्रवाही नहीं होने से संगठन के नेता और पार्षद अब खुद को अपमानित महसूस कर रहे हैं। कांग्रेस पार्षदों ने एक बार फिर सीएम से लिखित शिकायत कर राजेन्द्र पात्रे को मुंगेली परिषद से जल्द से जल्द हटाए जाने की मांग की है।
बताते चलें कि कुछ महीने पहले मुंगेली नगर पालिका परिषद अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखकर राजेन्द्र रात्रे की जगह लोरमी सीएमओ को लाए जाने की बात कही थी। नगर पालिका परिषद अध्यक्ष के समर्थन में जिला और शहर कांग्रेस समेत पार्षदों ने भी मुंगेली सीएमओर को तत्काल हटाए जाने की सिफारिश की थी। सीएम को लिखे पत्र में कांग्रेस नेताओं ने बताया है कि नेवरा में गौठान लोकार्पण के दौरान सीएमओ राजेन्द्र पात्रे की एक एक गतिविधियों की जानकारी दी गयी थी। बावजूद इसके सीएमओ राजेश पात्रे का स्थानांतरण नहीं किया गया।। जबकि मुंगेली के विकास के लिए हम सभी ने वोरमी सीएमओ संतोष कुमार विश्वकर्मा को मुंगेली लाए जाने की सिफारिश की थी।
कांग्रेस नेताओं ने पत्र के माध्यम से सीएम को यह भी बताया कि वर्तमान सीएमओ मुंगेली राजेन्द्र पात्रे का ना तो व्यवहार ठीक है। और ना ही उनमें प्रशासनिक कार्यक्षमता ही है। पात्रे की अडंगा नीतियों से नगर विकास का काम काज बूरी तरह प्रभावित हुआ है। विकास के सारे काम रूके हुए हैं। यदि संगठन आगामी निकाय चुनाव में बेहतर परिणाम चाहता है तो वर्तमान मुंगेली सीएमओ राजेन्द्र पात्रे को जल्द से जल्द मुंगेली से हटाना होगा।
मुख्यमंत्री को पत्र दिए जाने के बाद भी राजेन्द्र रात्रे का स्थानन्तरण नही हुआ। इस बात को लेकर कांग्रेस पार्षद और संगठन पदाधिकारियों में गहरा आक्रोश है। पदाधिकारी,अध्यक्ष और पार्षदों की माने तो यदि राजेन्द्र पात्रे का स्थानान्तरण नहीं किया गया तो इसका परिणाम चुनाव में भोगना निश्चित है।