महासमुंद।मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जिला मुख्यालय महासमुंद स्थित छत्तीसगढ़ स्कूल प्रांगण में आयोजित कार्यक्रम में पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्वर्गीय पुरूषोत्तम लाल कौशिक की प्रतिमा का अनावरण किया। उन्होंने चंद्रनाहु कुर्मी समाज द्वारा आयोजित अभिनंदन समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि महासमुंद के एक सौ बिस्तरों वाले जिला चिकित्सालय का नामकरण स्वर्गीय पुरूषोत्तम लाल कौशिक के नाम पर किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर चंद्रनाहू पब्लिक स्कूल भवन का लोकार्पण भी किया।
कार्यक्रम में जिले के किसानों ने ’’मुख्यमंत्री सहायता कोष’’ में जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए चार लाख 50 हजार 822 रूपए का चेक मुख्यमंत्री को सौंपा। राज्यसभा सांसद श्रीमती छाया वर्मा ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ को विकसित राज्य बनाने के लिए हमें नरवा, गरवा, घुरूवा और बारी की ग्रामीण संस्कृति को बचाना होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अपनी जनघोषणाओं को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि नई सरकार के गठन होने और शपथ ग्रहण के दो घण्टे मंे ही किसानों के ऋण माफ कर दिए गए।
प्रदेश के किसानों का 6100 करोड़ रूपए का कृषि ऋण माफ किया गया है, साथ ही 2500 रुपए प्रति क्विंटल के मूल्य में धान खरीदा जा रहा है। अंतर की राशि किसानों के खाते में फरवरी तक पहुंच जाएगी।सीएम ने कहा कि राज्य में शराबबंदी भी की जाएगी, इसके लिए सर्व समाजों की बैठक लेकर इस पर विचार-विमर्श किया जाएगा और उनकी सहमति और बताए गए सुझाव के अनुरूप इसका क्रियान्वयन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शराब बंदी के लिए सामाजिक जागरण और चेतना आवश्यक है, इसके लिए छत्तीसगढ़ के सभी समाजों को आगे आना होगा।
उन्होंने कहा कि 26 जनवरी को प्रत्येक ग्राम पंचायत में विशेष ग्राम सभा का आयोजन होगा, जिसमें पंचायत की खाली जमीन पर मवेशियों के लिए गौठान (दैहान) और चारागाहों का चिन्हांकन किया जाएगा, जहां पर मवेशियों के लिए पर्याप्त मात्रा में चारा एवं पानी की व्यवस्था होगी। उन्होंने कहा कि चरवाहों को मानदेय भी दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दैहान, गौठान और पशु संर्वधन से जहां पर्याप्त मात्रा में दूध प्राप्त होगा तथा पशुओं के गोबर से गोबर गैस का उत्पादन किया जाएगा और आमजनों के लिए यह उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि बस्तर में टाटा कम्पनी द्वारा अधिग्रहित भूमि को भी उनके वास्तविक हकदार किसानों को लौटाने का फैसला सरकार ने लिया है, एक हजार 700 किसानों की 4 हजार 200 एकड़ भूमि लौटाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।