मेडिकल संचालकों को नसीहत…लायसेंस रद्द करने की चेतावनी..एडिश्लल एसपी ने कहा..संदिग्धों पर होगी कार्रवाई

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर— बिलासागु़डी में पुलिस अधिकारियों और मेडिकल स्टोर्स संचालकों की आवश्यक बैठक हुई। बैठक में युवाओं में नशे की बढ़ती प्रवृति पर पुलिस अधिकारियों ने चिंता जाहिर की है। पुलिस अधिकारियों ने इस दौरान प्रमुख 9 बिन्दुओं पर चर्चा की। मेडिकल संचालकों को सभी बिन्दुओं पर गंभीरता से अमल करने को कहा।

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                      बिलासागुड़ी में पुलिस अधिकारियों के साथ मेडिकल स्टोर्स संचालकों की बैठक हुई है। बैठक में शामिल मेडिकल दुकान संचालकों को एडिश्नल एसपी नीरज चन्द्राकर ने कुछ जरूरी सुझाव दिए। साथ ही दिए गए सुझावों को कड़ाई से पालन करने को कहा।

    बैठक में नीरज चन्द्राकर ने दवा दुकान संचालकों को बताया कि दवा बेचते समय नारकोटिक्स एक्ट को कड़ाई से पालन किया जाए। ऐसी दवाइयों का विक्रय रिकार्ड में लिखित रखा जाए। बिना कैश मेमों के किसी भी व्यक्ति को दवाइयां ना दी जाए।

                         नीरज चन्द्राकर ने कहा कि यदि को क्रेता दवा संदिग्ध नजर आए तो इसकी सूचना तत्काल 100 नम्बर पर संबंधित थाने को दी जाए। अधिक दवाइयां खरीदने वाले का नाम और पता दर्ज कर डाक्टरों की पर्ची की फोटो कापी रखी जाए।

                                  बैठक के दौरान चर्चा करते हुए नीरज ने कहा कि नाबालिगों को ऐसी दवाइयों किसी भी स्थिति में न दी जाए। साथ ही अवैध बिक्री को पूरी तरह से बंद किया जाए। चन्द्राकर ने मेडिकल संचालकों को बताया कि अन्य राज्यों से आने वाली अवैध मेडिसिन पर पुलिस की नजर है। यदि मेडिकल दुकानदारों को लगता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में किसी विशेष दवाइयों की बिक्री ज्यादा हो रही है तो इसकी जानकारी तत्काल संबधित थाने को दें।

                            बावजूद इसके यदि मेडिकल संचालकों ने नियम और निर्देशों को गंभीरता से नहीं लिया लायसेंस रद्द कर दिया जाएगा। ना बैध लायसेंस के नारोक्टिक्स एक्ट दवाइयों को बेचते हुए पाये जाने पर सख्त कार्रवाई होगी। एनपीडीएस एक्ट के तहत दस साल की सजा भी मिलेगी।

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