मेयर का कलेक्टर को पत्र..बिना एनओसी नहीं देंगे जमीन..बताया… अधिकारियों और भू-माफियों में गहरी साठगांठ..फ्री होल्ड के नाम बेच रहे सरकारी जमीन

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—-फ्री होल्ड जमीन स्कीम को लेकर महापौर रामशरण यादव ने कलेक्टर डॉ संजय अलंग को पत्र लिखा है। पत्र में बताया कि फ्री होल्ड स्कीम के तहत आवंटित किए जाने वाली प्रक्रिया को फिलहाल रोका जाए। साथ ही यह भी कहा है कि जमीन आवंटन प्रक्रिया के पहले आवेदन कर्ता को निगम से एनओसी लेना अनिवार्य किया जाए।
 
                         मेयर ने फ्री होल्ड जमीन आवंटन को लेकर कलेक्टर को पत्र लिखा है। पत्र में मेयर ने कहा है कि सीमावृद्धि के बाद शामिल निगम क्षेत्र की खाली सरकारी जमीनों के आबंटन के पहले नगर निगम से अनापत्ति पत्र लिया जाना अनिवार्य किया जाए। बिना अनुमति शासकीय भूमि आबंटित होने से विकास कार्यों को लेकर  निगम प्रशासन को कठिनाईया का सामना करना पड़ सकता है।
 
                पत्र में रामशरण यादव ने कलेक्टर को बताया कि फ्री होल्ड योजना आने के बाद भू-माफियों की सक्रियता बढ़ गयी है। अधिकारियों से मिली भगत कर भूमाफिया जमीन को गलत तरीके से हथिया रहे हैं। भू-माफियों को सरकारी जमीन पर काबिज कराने में नगर निगम और राजस्व विभाग के कुछ खास अधिकारियों का हाथ है। जानकारी यह भी है कि अधिकारियों ने मिलीभगत कर चहेतों को रेवड़ी की तरह सरकारी जमीन बांटने की रणनीति तैयार की है।
 
                 महापौर ने पत्र में  चिंता जाहिर करते हुए कहा है कि बिना नगर निगम  की अनुमति रिक्त शासकीय भूमि का आवंटन किया जाना उचित नहीं होगा। क्योंकि भविष्य में निगम के  विकास कार्यो पर प्रभाव पड़ेगा। जानकारी के अनुसार  आज दिनांक तक लगातार शासकीय भूमि पर बेजा कब्जा किया जा रहा है। गलत तरीके से जमीन पर काबिज लोगों को हटाया जाना बहुत ही जरूरी है।
 
महापौर ने किया आगह
 
            महापौर रामशरण यादव ने कलेक्टर से पत्र लिखने के अलावा आम जनता को भी आगाह किया है। मेयर ने दो टूक कहा कि एमआईसी से पास होने के बाद ही जमीन पर निर्माण के लिए एनओसी दिया जाएगा।
 
निगम और राजस्व अधिकारियों के दिन बहुरे
 
      बताते चलें कि फ्री होल्ड स्कीम आने के बाद नगर निगम और राजस्व महकमे के कुछ अधिकारियों और पटवारियों के दिन बहुर गए हैं। भूमाफिया अधिकारियों से मिलकर महत्वपूर्ण जमीनों पर काबिज हो गए हैं। मामले की जानकारी मेयर रामशरण यादव तक पहुंची कि निगम के अधिकारी और राजस्व महकमा के कुछ लोग मिलकर सरकारी जमीन की बंदरबांट कर रहे हैं। पहले आवेदन करने वालों को प्राथमिकता देने के बजाय चेहरा देखकर जमीन बांट रहे हैं। मेयर को यह भी पता चला कि निगम सीमा की कई एकड़ सरकारी जमीन को बेचने का खेल व्यापक स्तर पर किया जा रहा है। जानकारी के बाद ही मेयर ने कलेक्टर को पत्र लिखकर चिंता जाहिर की है। साथ ही एनओसी की शर्त को अनिवार्य करने को कहा है।
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