रायपुर । नरेन्द्र मोदी सरकार के एक साल में छत्तीसगढ़ के लिये नये मुकाम हासिल होने के दावे का कांग्रेस ने कड़ा प्रतिवाद किया है। भाजपा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के एक साल के कार्यकाल में छत्तीसगढ़ को सिर्फ उपेक्षा, अपमान और अन्याय मिलने का आरोप लगाते हुये प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री और मीडिया विभाग के अध्यक्ष शैलेष नितिन त्रिवेदी ने विभिन्न बिंदुओं पर सिलसिलेवार जानकारी दी और कहा है कि नरेन्द्र मोदी की सरकार के निर्णयों से सबसे ज्यादा नुकसान छत्तीसगढ़ के किसानों का हुआ है। मोदी सरकार ने आदेश निकाल कर कहा जो राज्य सरकार किसानों को फसल पर बोनस देगी वहां पर समर्थन मूल्य पर खरीदी नहीं की जायेगी। इस आदेश के कारण रमन सरकार को बोनस नहीं देने का बहाना मिल गया। विधानसभा चुनाव के घोषणा पत्र में धान के समर्थन मूल्य पर 300 रू. प्रतिक्विंटल बोनस देने के वायदे से रमन सिंह मुकर गये। धान के समर्थन मूल्य खरीदी पर भी बंदिशें मोदी सरकार ने लगाीं है । राज्य सरकार को जितनी आवश्यकता होगी उतना ही धान खरीदा जायेगा। यूपीए सरकार के 10 वर्षों में ऐसी कोई बंदिश नहीं थी तथा राज्य सरकारे यदि बोनस भी देती थी तो कांग्रेस की केन्द्र सरकार ने कोई आपत्ति नहीं की।
श्री त्रिवेदी ने आरोप लगाया कि मोदीराज में छत्तीसगढ़ के मजदूर किसानों को एक साल में मोदी सरकार ने 4000 करोड़ का नुकसान पहुंचाया है। 2012-13 में 71.36 लाख टन, 2013-1 में 79.72 लाख टन, 2014-15 में 63.08 लाख टन, 2014-15 में 2013-14 की तुलना में बेहतर फसल थी। फिर भी किसानों का 16.64 लाख टन धान कम खरीदा गया। यह धान किसानों को 900 से 1000 रूपये प्रति क्ंविंटल में बेचना पड़ा। औसत 400 रूपये प्रति क्ंविंटल का नुकसान हुआ।गरीबों के राशन में भी दगा दिया भाजपा ने, मोदी सरकार ने गरीबों को मिलने वाले राशन पर कटौती कर दी। 35 किलो मिलने वाला राशन 7 किलो हो गया, एपीएल परिवारों का राशन बंद हो गया।