मोबाइल से सौदा….. मोबाइल से ही पकड़े गए चोर…..

Chief Editor
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cable 2बिलासपुर। पुलिस ने एल्युमिनियम के तार चोरी के एक बड़े मामले का खुलासा करने में कामयाबी हासिल की है। करीब साढ़े छः लाख से अधिक कीमत के चार टन से अधिक तार की चोरी रतनपुर इलाके के भरारी गाँव से हुई थी। चोरी की रिपोर्ट पिछले 25 मई को कराई गई थी और उसके करीब एक पखवाड़े के भीतर ही पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके पास से चोरी के तार बरामद कर लिए हैं।खास बात यह है कि चोरी का सौदा मोबाइल से हुआ था और मोबाइल खंगालने पर उसके सहारे ही चोर पकड़ में आ गए।आरोपी उस कम्पनी में ही काम करता था , जहां से एल्युमिनियम तार की चोरी हुई थी।

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सीजीवाल को मिली जानकारी के मुताबिक ट्रांसलेर लाइटिंग लिमिटेड कंपनी एनटीपीसी से भरारी पॉवर ग्रेड स्टेशन के बीच टॉवर और तार  खींचने का काम कर  रही है।जिसके तहत  रतनपुर थाना अंतर्गत भरारी के प्रणय शुक्ला के खेत में पिछले 21 मई को टॉवर लाइन बिछाई गई थी। पिछले 22 मई की रात  इस टॉवर लाइन  से तार की चोरी कर ली गई। चोरी किए गए तार की लम्बाई करीब2.04 कि.मी. – वजन करीब 4 टन और कीमत करीब साढ़े छः लाख बताई गई। चोरी की रिपोर्ट 25 मई को दर्ज कराई गई।cable 1

एसडीओपी कोटा दिव्यांग पटेल ने बुरूवार को बिलासा गुड़ी में बताया कि  मामला टॉवर लाइन से एल्युमिनियम चोरी का था और काफी तादात में माल चोरी हुआ था। लिहाजा सभी बिंदुओँ पर जाँच कर जिले के सभी गलई कारखानों की चेकिंग की गई। कबाडियों से भी पूछताछ की गई। लेकिन कोई कामयाबी हासिल नहीं हुई। पुलिस ने फिर मौके पर पहुंचकर नए सिरे से मामले की छानबीन शुरू की। साथ ही  वहां काम करने वाले सभी मजदूरों के चाल-चलन-चरित्र और मोबाइल की गहराई से छानबीन की। इस दौरान पुलिस की नजर में आया कि कंपनी में काम करने वाले संदिग्ध फितरुद्दीन की वारदात के दिन कई बार बाहरी लोगों से अलग-अलग बातचीत हुई है। उसके मोबाइल पर भिलाई छावनी के अशोक पाण्डेय, प्रिंस उर्फ रितेश दुबे और पुष्पराज पाठक से लगातार बातचीत हुई थी।

शक गहराने पर पुलिस ने फितरुद्दीन से कड़ाई के साथ पूछताछ की तो उसने सच उगल दिया। उसने बताया कि एल्यूमिनियम तार चोरी करने के लिए अशोक पाण्डेय और प्रिंस लगातार उसके संपर्क में थे। प्लानिंग के हिसाब से 21 मई को ड्रायवर आशीष रानाडे गाड़ी नंबर CG 10 Y 7759 लेकर मौके पर पहुंचा। उसी दिन अभिषेक पाण्डेय ने अशोका पॉवर लाइन के मैनेजर पुष्पराज पाठक को करीब ढा़ई लाख की रकम देकर बिलासपुर  चोरी का तार खरीदने भेजा था। इस सौदे के बाद फितरुद्दीन ने नागपुर से अपने साथी-माहतम उर्फ रफीकुल और 6 अन्य लोगों को बुलवाया सभी ने मिलकर रात में तार काटकर छोटे-छोटे टुकड़े किए और गाड़ी में लोड करवाया। 22 मई की सुबह करीब सात बजे काँटाघर में वजन कराया गया तो तार का वजन करीब चार टन हुआ।यहीं पर पुष्पराज पाठक ने फितरुद्दीन के साथी माहतम को सवा दो लाख रुपए दिए। माल लेकर गाड़ी रायपुर गई। जहां काँटाघर में वजन करवाकर माल मनीष इन्डस्ट्रीज के ऋषभ बर्मन को बेचा गया। जिसके बदले में ऋषभ ने पुष्पराज को तीन लाख पचासी हजार रुपए नकद दिए। जिसे वह भिलाई जाकर अपने मालिक को दे दिया था। अब  सभी पुलिस की पकड़ में आ गए हैं।

इस मामले  की जाँच जिला पुलिस कप्तान मयंक श्रीवास्तव की हिदायत पर एसडीओपी कोटा,सायबर टीम और रतनपुर पुलिस की ओर से की गई । जिसकी गहन छानबीन के बाद मामले का खुलासा हो सका।पुलिस ने तीने आरोपियों को गिरफ्तार कर करीब चार टन एल्युमिनियम तार मनीष इन्स्ट्रीज के ऋषभ बर्मन से  जब्त कर लिया है। साथ ही वारदात में इस्तेमाल की गई गाड़ी भी जब्त कर ली है।

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