बिलासपुर—-छत्तीसगढ़ चैम्बर ऑफ कामर्स एण्ड इंडस्ट्रीज जिला इकाई ने निगम से ठोस अपशिष्ट उपयोगकर्ता शुल्क को निरस्त करने की मांग की है। चैम्बर्स ऑफ कामर्स के सदस्यों ने स्थानीय विधायक को बताया कि रायपुर निगम प्रशासन ने जनवरी में ही शुल्क निरस्त कर दिया है । निश्चित रूप से इस प्रकार का शुल्क बिलासपुर में बन्द किया जाना जरूरी है। चैम्बर्स के मंत्री राजेश गंगवानी ने बताया कि विधायक शैलेष पाण्डेय ने मामले को गंभीरता से लेते हुए आयुक्त को पत्र लिखा है।
छत्तीसगढ़ चैम्बर्स ऑफ कामर्स बिलासपुर इकाई के मंत्री राजेश गंगवानी ने बताया कि निगम प्रशासन को एक काम के लिए दो अलग अलग चार्ज देने पड़ते हैं। इस बात को लेकर हमने हमेशा शासन और प्रशासन को संकेत दिए। बावजूद इसके हमारी बातों को ध्यान नहीं दिया गया। लेकिन रायपुर नगर निगम ने सफाई को लेकर लगाए गए एक काम के लिए दो अलग अलग चार्ज को हटा दिया है। राजेश गंगवानी ने बताया कि रायपुर में यूजर चार्ज को हटा दिया गया है। अब राजधानी में सफाई के नाम केवल समेकित कर ही देना पड़ रहा है। जबकि बिलासपुर में आज भी सफाई के नाम पर दो बार शुल्क देना पड़ रहा है।
गंगवानी ने बताया कि मामले को लेकर हमने स्थानीय विधायक के सामने रखा। उन्होने रायपुर की तर्ज पर बिलासपुर में भी समेकित चार्ज लिए जाने की बात कही। समर्थन में विधायक ने आयुक्त को पत्र भी लिखा है। राजेश ने जानकारी दी कि रायपुर की तर्ज पर बिलासपुर में कचरा एकत्रित करने का काम निजी कम्पनी के हाथों में है। कम्पनी को फायदा पहुंचाने के लिए यूजर चार्ज लिया जा रहा है। जहां जहा कम्पनी कचरा एकत्रित करती है..वहां वहां यूजर चार्ज लिया जा रहा है। जबकि निगम भी अलग से सफाई टैक्स लेता है। मतलब हम एक काम के लिए दो बार टैक्स देते है। जो तर्कसंगत नहीं है। यही कारण है कि रायपुर निगम प्रशासन ने एक टैक्स को हटा दिया है। इस प्रकार का कदम बिलासपुर निगम प्रशासन को भी उठाना होगा।
गंगवानी ने कहा प्रत्येक वार्ड से 20 से 25 हजार रूपए यूजर चार्ज के नाम पर वसूला जा रहा है। जबकि हम अलग से निगम को सफाई टैक्स भी देते हैं। डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में शहर की जनता लाखों रूपयों का अतिरिक्त भुगतान कर रही है। घर दुकान व्यवसायिक प्रतिष्ठान, हॉटल, मैरिज घर शैक्षणिक संस्थाओं समेत अन्य संस्थानों के लिए शासन ने अलग अलग दर से यूजर चार्ज स्लैब निर्धारित किया है।
स्लैब में 500 वर्ग मकान के लिए अलग और 750 वर्गफिट के लिए अलग चार्ज है। 1000 वर्गफिट और 1000 से अधिक वर्गफिट निर्माण के लिए निगम ने चार्ज अलग निर्धारित किया है। रेस्तरां के लिए कुर्सी टेबल, और क्षेत्रफल के अनुसार यूजरचार्ज लिया जा रहा है। यूजर चार्ज निर्धारण में कमरों की संख्या भी शामिल है। इसके अलावा प्रायमरीर,मीडिल और हायर सेकेन्डरी के लिए यूजर चार्ज अन्य लोगों पर लगाए गए चार्ज से अलग है। निजी स्कूलों और महाविद्यालयों से यूजर चार्ज का दर भी अलग है। निरीज और सरकारी अस्पतालों से चार्ज लेते समय बिस्तर संख्या का ध्य़ान रखा गया है। जबकि सभी लोग निगम को सफाई चार्ज भी देते हैं।
गंगवानी ने कहा कि हमने निगम प्रशासन और महापौर से यूजर चार्ज हटाए जाने की मांग की है। खासकर दुकानों से लिया जाने वाला यूजर चार्ज बहुत अधिक है।