रमन का विरोध करते कांग्रेसी गए जेल…

BHASKAR MISHRA
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may_2_2  बिलासपुर– मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह का विरोध कर रहे करीब 80 से अधिक कांग्रेसियों को पुलिस ने कोनी थाना स्थित अस्थायी जेल भेज दिया। चाक चौबंद सुरक्षा व्यवस्था के बीच कांग्रेसियों ने सीएम के काफिले के सामने आने का प्रयास किया। समय रहते पुलिस ने सभी को पकड़ लिया। इस बीच कांग्रेसियों ने पुलिस पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए सीएम के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। चौकस पुलिस ने काला झण्डा दिखाने के फिराक ें घूम रहे कांग्रेसियों को भी धर दबोचा।  डीएसपी मधुलिका सिंह ने कांग्रेस भवन के अन्दर बैठी महिला कांग्रेस नेत्रियों को हिरासत में  लिया। पुलिस के अधिकारियों ने कांग्रेस भवन के अन्दर और बाहर विरोध कर रहे किसी भी नेता को नहीं छोड़ा। देखते ही देखते कांग्रेस भवन खाली हो गया।

                                                                 जानकारी के अनुसार गिरफ्तार किए गए सभी कांग्रेसियों को सीएम प्रवास पूरा होने के बाद ही छोड़ा जाएगा। फिलहाल सभी कांग्रेसी कोनी थाने में सरकार और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं।

                          मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह के छत्तीसगढ़ भवन पहुंचने से पहले कांग्रेसियों ने पुलिस की चाक चौबंद व्यवस्था में छेद कर दिया।सीएम छत्तीसगढ़ भवन पहुंचते कांग्रेसियों ने कांग्रेस भवन के सामने सीएम के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कमीशन के बयान को सरकार का चाल चरित्र चेहरा बताया। कांग्रसियों ने कहा कि सरकार भ्रष्ट है। यह जानते हुए भी सीएम ने कमीशनखोर भाजपा नेताओं को प्रश्रय दिया है।

नारेबाजी को शांत करने पुलिस ने भरसक प्रयास किया। काला झण्डा दिखाए जाने के प्रयास को भी फेल किया। बावजूद इसके तीन चार कांग्रेसी नेता सीएम के काफिले के सामने पहुंचने में कामयाब हो गए इसके पहले सीएम पहुंचते… सभी नेताओं को छत्तीसगढ़ भवन गेट के सामने से गिरफ्तार कर लिया गया।

काफिले के सामने आए कांग्रेसी—may_2_1

                        सीएम के आने से कुछ पल पहले ही काफिले के सामने वरिष्ठ कांग्रेस नेता शिवा मिश्रा, विजय पाण्डेय,राजेश पाण्डेय और निगम नेता प्रतिपक्ष छत्तीसगढ भवन के गेट पर पहुंच गए। इतना देखते ही पुलिस के हांथ पांव फूल गए। चारो नेताओं ने इस दौरान सरकार और सीएम के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इसके पहले सीएम की कार गेट तक पहुंचती….पुलिस ने चारो नेताओं को गिरफ्तार कर लिया। तत्काल गाड़ी में बैठाकर कोनी थाना भेज दिया।

कांग्रेस भवन के सामने नारेबाजी

                मालूम हो कि सीएम को छत्तीसगढ़ भवन में लंच का कार्यक्रम था। पुलिस ने कांग्रेस के विरोधी मंसूबों को देखते हुए कांग्रेस भवन के आस पास बल तैनात कर दिया। बावजूद इसके कांग्रेसियों ने ऊंची आवाज में कांग्रेस भवन से सीएम वापस जाओ के नारे लगाए। भाजपा नेताओं पर कमीशनखोरी का भी आरोप लगाया। इस बीच पुलिस ने शांत कराने का प्रयास किया। लेकिन कांग्रेसियों के सामने एक नहीं चली।  थकहार कर पुलिस को मौके पर मौजूद सभी नेताओं को हिरासत में लेना पड़ा।

कांग्रेस भवन के अन्दर हुई गिरफ्तारी

बड़ी संख्या में कांग्रेस भवन में मौजूद महिला और कांग्रेस नेताओं को पुलिस ने अन्दर घुसकर पकड़ा। डीएसपी मधुलिका सिंह और पुलिस टीम ने कांग्रेस भवन के अन्दर बैठे एक एक नेताओं को धर दबोचा। कांग्रेस नेताओं ने कार्यालय में घुसकर नेताओं की गिरफ्तारी को प्रशासनिक तानाशाही बताया। मधुलिका सिंह ने अनिता लव्हात्रे,सीमा पाण्डेय,सीमा सोनी समेत सभी महिला कांग्रेस नेत्रियों को गाड़ी में बैठाया। सभी को कोनी थाना भेज दिया।

दिग्गजों कांग्रेसियों की हुई गिरफ्तारी

                           पुलिस ने जिले के कमोबेश सभी कांग्रेस नेताओं को कांग्रेस भवन से हिरासत में लिया। राजेन्द्र शुक्ला,नरेन्द्र बोलर,अभय नारायण राय,शेख नजरूद्दीन, बसंत शर्मा,शैलेन्द्र जायसवाल,विजय पाण्डेय,राजेश पाण्डेय,शेख गफ्फार,अरविन्द शुक्ला,महेश दुबे,स्वप्निल शुक्ला,धर्मेश शुक्ला, जसबीर गुम्बर,चन्द्रप्रकाश वाजपेयी.चन्द्रप्रदीप वाजपेयी,काशी रात्रे, महेन्द्रर बोलर,जावेद मेनन,महेन्द्र गंगोत्री,गोपाल दुबे समेत सभी कांग्रेसी पार्षद और दर्जनों युवा may_2कांग्रेसियों को अस्थायी जेल कोनी थाना भेजा गया।

लोकतंत्र का गला घोंटा गया

              राजेन्द्र शुक्ला ने गिरफ्तारी को लोकतंत्र विरोधी बताया। शुक्ला ने कहा कि संविधान ने प्रत्येक नागरिक को बोलने और प्रदर्शन करने का अधिकार दिया है। भाजपा सरकार जनता की आवाज को दबा नही सकती है। हमारा उद्देश्य सीएम को बताना था कि जनता कमीशनखोरी से कितना परेशान हैं। यह जानते हुए भी भाजपा में कमीशनखोरी चल रही है। बावजूद इसके ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है।

कलेक्टर से मांगी थी अनुमति

              कांग्रेस संभागीय प्रवक्ता अभय नारायण ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता होने के नाते मैने व्यक्तिगत और पार्टीगत दोनो ही तरीके से धरना प्रदर्शन के लिए कलेक्टर से सम्पर्क किया। बावजूद इसके कलेक्टर ने लटका कर रखा। कई बार फोन किया …लेकिन जवाब नहीं दिया। उन्होने कहा था कि धरना प्रदर्शन के लिए समय दिया जाएगा। थक हार कर हमने कांग्रेस कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया। नारेबाजी की। लेकिन पुलिस ने हमें हमारे ही घर से गिरफ्तार कर लिया गया। यह तानाशाही नहीं तो और क्या है।

आम जनता का जीना हराम

               नरेन्द्र बोलर ने कहा कि जब पार्टी के नेताओं को बोलने नहीं दिया जा रहा है तो आम जनता की क्या हालत होगी। भाजपा नेता कमीशनखोरी करें और जनता हक की लड़ाई भी ना लड़े। यह तो सरारसर तानाशाही है। इसे किसी भी सूरत में बर्दास्त नहीं किया जाएगा।

सिवरेज से जनता हलाकान

                                शेख नजरूद्दीन और शैलेन्द्र जायसवाल ने बताया कि शहर में सड़क है भी यह कहना मुश्किल है। दरअसल सड़क को खोदकर मौत का कुंआ बनाया जा रहा है। सिम्पलेक्स के खिलाफ आखिर कार्रवाई क्यों नही की जा रही है। समझ से परे है। जाहिर सी बात है कि यदि सिवरेज का काम बंद हो जाएगा तो भाजपा नेताओं को कमीशन कहां से मिलेगा। जनता की आवाज को दबाने कांग्रेसियों की गिरफ्तारी घर में घुसकर हुई है। कांग्रेसी पार्टी अब बर्दास्त नहीं करेगी।

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