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बिलासपुर- छत्तीसगढ़ के कृषि और सिंचाई मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा है कि बिलासपुर में पानी की समस्या के निराकरण के लिए अरपा में एनीकट बनाया जाएगा । वे अरपा – भैसाझार प्रोजेक्ट का मुआयना करने पहुंचे थे और बिलासपुर में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे ।रविंद्र चौबे ने बताया कि अरपा – भैसाझार परियोजना में पानी का भराव हुआ है और सिंचाई की शुरुआत हुई है । वे अपने इस दौरे में अरपा – भैसाझार का निरीक्षण कर यह देखेंगे कि किस तरह से इस योजना के तहत किसानों को पानी पहुंचाया जा सकता है । उन्होंने बताया कि बिलासपुर विधायक शैलेश पांडे ने विधानसभा में दो-तीन बार यह मांग उठाई है कि बिलासपुर शहर में पानी की समस्या के निराकरण के लिए अरपा में एनीकट का निर्माण किया जाना चाहिए । इसे देखते हुए अपने इस दौरे में विभागीय तौर पर उन्होंने अधिकारियों से चर्चा की है कि अरपा में किस स्थान पर एनीकट बनाया जा सकता है । इस पर विचार किया जा रहा है ।सीजीवालडॉटकॉम के WhatsApp Group से जुडने के लिए यहाँ क्लिक करे
बिलासपुर- छत्तीसगढ़ के कृषि और सिंचाई मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा है कि बिलासपुर में पानी की समस्या के निराकरण के लिए अरपा में एनीकट बनाया जाएगा । वे अरपा – भैसाझार प्रोजेक्ट का मुआयना करने पहुंचे थे और बिलासपुर में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे ।रविंद्र चौबे ने बताया कि अरपा – भैसाझार परियोजना में पानी का भराव हुआ है और सिंचाई की शुरुआत हुई है । वे अपने इस दौरे में अरपा – भैसाझार का निरीक्षण कर यह देखेंगे कि किस तरह से इस योजना के तहत किसानों को पानी पहुंचाया जा सकता है । उन्होंने बताया कि बिलासपुर विधायक शैलेश पांडे ने विधानसभा में दो-तीन बार यह मांग उठाई है कि बिलासपुर शहर में पानी की समस्या के निराकरण के लिए अरपा में एनीकट का निर्माण किया जाना चाहिए । इसे देखते हुए अपने इस दौरे में विभागीय तौर पर उन्होंने अधिकारियों से चर्चा की है कि अरपा में किस स्थान पर एनीकट बनाया जा सकता है । इस पर विचार किया जा रहा है ।सीजीवालडॉटकॉम के WhatsApp Group से जुडने के लिए यहाँ क्लिक करे
अरपा – भैसाझार प्रोजेक्ट के तहत किसानों का मुआवजा प्रकरण लंबित होने के बारे में एक सवाल के जवाब में रविंद्र चौबे ने कहा कि करीब 90 से 92 प्रतिशत मुआवजा प्रकरणों का निराकरण हो चुका है । कुछ मामले प्रक्रिया में है । इस सिलसिले में विभाग ने मुआवजे की राशि जमा कर दी है और जल्दी ही इसका निराकरण किया जाएगा ।
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एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पूरे छत्तीसगढ़ में शुरुआती दौर में मानसून का प्रभाव कमजोर रहा है ।जिससे दुस्काल की छाया दिखाई दे रही थी । प्रदेश के सात -आठ जिलों में बारिश कम हुई थी । लेकिन पिछले तीन-चार दिनों में में काफी सुधार हुआ है ।अब जलाशयों में भी भराव की अच्छी स्थिति है । कुछ जिलों में अभी भी पानी की आवश्यकता है । फिर भी सामान्यतया स्थिति में काफी सुधार दिखाई दे रहा है ।
एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि प्रदेश की सभी सहकारी सोसायटियों में खाद बीज का पर्याप्त भंडारण किया गया है । कुछ जगह खाद को लेकर शिकायतें मिली हैं । इस पर विभाग ने छापामार कार्यवाही की है और 70 से अधिक दुकानें सील की गई हैं । अभी भी जहां से गड़बड़ी की शिकायत मिलेगी वहां कड़ी कार्रवाई की जाएगी । यह पूछे जाने पर कि क्या नरवा – गरवा – घुरवा – बारी योजना के लिए बजट की कमी है …? इस पर कृषि मंत्री ने कहा कि इस योजना का काम बहुत अच्छे ढंग से चल रहा है । इसके लिए बजट की कोई कमी नहीं है । रोजगार गारंटी योजना, हॉर्टिकल्चर और अन्य विभागों के मद से काम कराए जा रहे हैं, जो अधिकांश जिलों में पूरे हो चुके हैं ।