रविवार की शाम…ध्रुपद गायिकी के नाम…नामचीन गायक मोरानकर देंगे प्रस्तुति..पखावज पर होगा सालुंके का साथ

BHASKAR MISHRA
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बिलासपु—भारतीय शास्त्रीय संगीत की सबसे प्राचीन और शुद्ध गायन शैली “ध्रुपद” की शाम… रविवार को सीएमडी कॉलेज के स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के ऑडिटोरियम में सजेगी।  कार्यक्रम का आयोजन “बावरा मन” के बैनर तले किया जाएगा।
                  संस्था के संयोजक पी. रामाराव और राजेश दुआ ने बताया कि देश के प्रतिष्ठित ध्रुपद गायक सागर मोरानकर कोलकाता अपनी प्रस्तुति देंगे। पुणे के कृष्ण सालुंके पखावज पर संगत करेंगे। ध्रुपद गायन में सागर मोरानकर का नाम देश – विदेश में अग्रणी गायकों में लिया जाता है।  महाराष्ट्र के चालीस गांव मे जन्मे सागर की प्रारंभिक शिक्षा होम फॉर द ब्लाइंड,  पुणे से हुई। उन्होंने संगीत को केरियर के रूप मे अपनाने का निर्णय लिया।
            रामाराव और दुआ ने बताया कि सागर ने उस्ताद जिया फ़रिउद्दीन डागर के शागिर्द पण्डित उदय भवालकर से गुरु – शिष्य परंपरा में ध्रुपद गायन की शिक्षा – दीक्षा प्राप्त की।  वर्तमान समय में सागर कोलकाता के आईटीसी की संगीत रिसर्च अकादमी में रेसिडेंट म्युजिशियन स्कालर हैं। मोरानकर को रोटरी इंटरनेशनल ने प्रोमिसिंग हिंदुस्तानी म्युजिशियन अवार्ड से नवाज़ा है।
                                  सागर मोरानकर ने स्वर्गा फाउंडेशन के प्रमोशनल वीडियो “आई एम स्पेशल” के लिए स्वर दिया है।  उन्होंने फिल्म निदेशक उमेश कुलकर्णी की डॉक्युमेंटरी फिल्म के लिए भी अपनी स्वर लहरियाँ बिखेरी हैं।  उन्होंने दिल्ली राज्य सरकार के आयोजन भक्ति उत्सव में भी गायन की प्रस्तुति दी है। पिछले वर्ष लंदन में ध्रुपद म्युज़िक सोसायटी के कार्यक्रम मे शिरकत कर ध्रुपद गायकी को चरम पर पहुंचाया है। लोगों से जमकर वाहवाही भी लूटी है।  इसके अलावा उस्ताद जिया मोहिउद्दीन डागर की याद में मुंबई में,  सवाई गंधर्व अवार्ड सेरेमनी,  स्वरानंद प्रतिष्ठान अवार्ड सेरेमनी,  देवनंदन उभयकर युवा संगीत उत्सव और  चेन्नई के आरोही बैंड के साथ यादगार प्रस्तुतियां देकर लोगों के दिल में जगह बनाया है।
                     दुआ ने जानकारी दी कि  प्रसिद्ध,  युवा पखावज वादक कृष्ण सालुंके महाराष्ट्र के बीड जिले के रहने वाले  हैं। सालुंंके ने पखावज पर प्राथमिक शिक्षा गुरु भरत महाराज और गुरु विष्णुपंत से प्राप्त की है।  बाद मे तालयोगी गुरु पंडित सुरेश तलवलकर के सानिध्य में उच्च शिक्षा हासिल की। पखावज मे स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त किया है। कृष्ण सालुंके ने भारत भवन,  भोपाल,  सप्तक फेस्टिवल, बाबा हरिवल्लभ  संगीत सम्मेलन,  पंजाब,  आई आई सी,  दिल्ली मे कर्णप्रिय प्रस्तुतियां दीं है।  आल इंडिया रेडियो म्युज़िक,  अखिल भारतीय प्रतिभा,  पंडित नंदन मेहता शास्त्रीय संगीत स्पर्धा,  अहमदबाद की ताल वाद्य स्पर्धाओं मे प्रथम पुरस्कार हासिल किया है।
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