बिलासपुर—- हाईकोर्ट ने सकरी नगर पंचायत के नगर निगम में शामिल किए जाने के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि शासन के निर्णय में हस्तक्षेप करना अनुचित है। याचिका में किसी प्रकार क जनहित का मामला नजर नहीं आता है। इसलिए याचिका को वाद योग्य करार नहीं दिया जा सकता है।सीजीवालडॉटकॉम न्यूज़ के व्हाट्सएप् से जुडने के लिए यहाँ क्लिक कीजिये
मालूम हो कि नगर निगम विस्तार के समय सकरी नगरपंचायत को परिसमीन के बाद बिलासपुर नगर निगम में शामिल किया गया। सकरी नगर पंचायत को निगम में शामिल किए जाने के विरोध में रवि मेहर ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर सकरी नगर पंचायत को निगम में शामिल होने का विरोध किया। याचिका में बताया कि सकरी नगर पंचायत को निगम में शामिल करने से पहले प्रक्रिया को पूरा नहीं किया गया है। जिससे आम जनता को तकलीफ है। जबकि निगम में शामिल होने के पहले मामले में स्थानीय निवासियों से विचार विमर्श नहीं किया गया।
राज्य शासन के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता सतीष चन्द्र वर्मा ने बताया कि अधिसूचना विधि के अनुरूप जारी किया गया है। सकरी क्षेत्र को शामिल करने से पहले दावा आपत्ती प्रस्तुत किया गया था। मामले में सुनवाई भी हुई। शासन विधि के अनुसार ही सकरी नगर पंचायत क्षेत्र को निगम में शामिल किया है। इसमे किसी प्रकार की अवैधानिकता नहीं हुई है। इसके अलावा विधि के अनुसार सभी दावा आपत्तियों का निर्णय प्रदान किए जाने की आवश्यकता भी नहीं है।
सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश और पी पी साहू की डबल बैंच ने याचिका को जनहित वाद योग्य नहीं मानते हुए खारिज कर दिया है।