राजधानी और न्यायाधानी में छजकां की जेब शवयात्रा

BHASKAR MISHRA
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4(1)बिलासपुर— छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस ने आज प्रदेश स्तर पर नोटबंदी निर्णय का विरोध किया है। खाली जेबों की शवयात्रा निकाल कर आक्रोश जाहिर किया है। जोगी कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया है कि बैंकों में भाजपा नेताओं को नियमों को ताक पर रखकर प्राथमिकता दी जा रही है। जनता खाली जेब रोज बैंकों का चक्कर काट रही है। आम जनता को ज्ञान देने वाली केन्द्र सरकार नोटबंदी व्यवस्था को बुरी तरह से उलझा दिया है। राज्य सरकार किसानों को राहत देने में असफल साबित हुई है।

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आज छजकां ने जेब की शवयात्रा निकाली। शवयात्रा का सभी वर्गों ने समर्थन किया है। जेबों की अर्थी सजाने के बाद हाथ में कटोरा लेकर नोटबंदी अभियान और निर्णय का विरोध किया है। रायपुर में जेब शवयात्रा कबीर चौक से निकली। शवयात्रा को  कलेक्टर कार्यालय के पहले ही रोक दिया यात्रा रोके जाने पर  कार्यकर्ताओं ने जमकर विरोध किया। बीच सड़क में बैठकर व्यवस्था के खिलाफ आक्रोश जाहिर किया।

युवा छजकां प्रदेशाध्यक्ष विनोद तिवारी ने बताया कि नोटबंदी निर्णय को आज 30 दिन पूरे हो गए हैं। एक महीने में स्थिति सुधरने के बजाय बदतर हुई है। छजकां नोटबंदी का समर्थन तो करती है लेकिन क्रियान्वयन में भारी खामियों का विरोध करती है। आम जनता को हो रही समस्याओं ने सारी हदें पार कर दी है। नोटबंदी के गलत क्रियान्वयन ने व्यापार रोजगार और कामगार को जीते जी मार दिया है। किसानों का हाल बेहाल है ।

विनोद तिवारी ने बताया कि सरकार ने नोट निकालने की सीमा तय की है लेकिन खाते से हफ्ते में 24 हजार के वजाय केवल 5 हजार दिया जा रहा है। सुबह से बैंक में लोग कतार में लगकर अपना पैसा निकालने भारी मशक्कत कर रहे हैं।

प्रदेश के अन्य शहरों की ही तरह न्यायधानी में भी छजकां युवा नेताओं ने जेब की अर्थी निकाली। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के खिलाफ नारेबाजी करते हुए यात्रा कलेक्टर कार्यालय पहुंचती। इसके पहले सभी को नेहरू चौक के पास रोक लिया गया। छजकां नेताओं ने पुलिस बल का भारी विरोध किया। छजकां नेताओं ने बताया कि नोटबंदी अभियान ने अर्थव्यवस्था को बुरी तरह से तोड़कर रख दिया है। लोग एक एक पाई को मोहताज हैं। दो हजार का नोट अब बट्टे में बिक रहा है। दरअसल नोटबंदी से भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिला है।

बिलासपुर छजकां नेताओं ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी और उनके नेताओं को जमीनी हकीकत का अंदाजा नहीं है। यदि उनके रिश्तेदार या सगे लोग बैंक की कतार में खड़े तो तकलीफ का अहसास होता।

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