राजधानी की चिलचिलाती धूप में लिपिकों ने दिखाई ताक़त

BHASKAR MISHRA
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IMG-20170420-WA0024 बिलासपुर— आग बरसाते सूरज की परवाह किए वगैर छत्तीसगढ़ के लिपिक कर्मचारी संघ ने राजधानी स्थित स्पोर्ट काम्प्लेक्स के सामने एक जुटता का परिचय दिया। शरीर को झुलसा देने वाली गर्मी में प्रदेश के सभी लिपिकों ने महापंचायत रैली को सफल बनाया। इस दौरान कर्मचारी नेताओं ने लिपिकों के मनोबल को बढ़ाते हुए कहा कि हमारा संघर्ष बेकार नहीं जाएगा। यदि सरकार हमारी दो सूत्रीय मांगों को पूरा नहीं करती है तो आने वाले समय में हमारी एकता का असर सरकार के कामकाज पर जरूर दिखे।

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                     राजधानी में 45 डिग्री पारा का परवाह नहीं करते हुए छत्तीसगढ़ प्रदेश लिपिक वर्गीय कर्मचारी शासकीय संघ ने सरकार का घेराव किया। दो सूत्रीय मांग पूरी नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी भी दी। इस दौरान प्रदेश भर एकत्रित लिपिक कर्मचारियों की महारैली और महासभा को संघ के कई नेताओं ने संबोधित किया।

              महासभा को संबोधित करते हुए संघ प्रांताध्यक्ष चंद्रिका सिंह ने कहा कि देश लिपिकों की दो सूत्रीय मांग के साथ हमने सरकार से हमेशा सरकार से सहयोगात्मक रूख रखा। बावजूद इसके सरकार ने हमारी मांगों को रद्दी की टोकरी में डाला है। अब अपील और दलील बहुत चुका। महारैली को देखने के बाद सरकार को समझ गयी होगी कि लिपिकों की मांग को अब बहुत दिनों तक अनसुना नहीं किया जा सकता है।

                       चन्द्रिका सिंह ने उपस्थित लिपिकों को अपने संबोधन में कहा कि… जिस तरह से राजस्थान सरकार ने राज्य के लिपिकों के वेतनमान में सुधार किया है…उसी तरह छत्तीसगढ के लिपिकों के वेतन विसंगतियों को दूर किया जाए।

        महासभा को शासकीय लिपिक संघ के प्रांत महासचिव रोहित तिवारी ने भी संबोधित किया। हमारे इरादे अटल हैं।IMG-20170420-WA0023 हम सरकार से भीख नहीं हक मांग रहे हैं। बावजूद इसके हमारे साथ अन्याय किया जा रहा है। शासन ने 2013 विधानसभा चुनाव पहले घोषणा पत्र में कहा था कि लिपिकों के वेतन विसंगति और चारस्तरीय वेतनमान को गंभीरता से लिया जाएगा। बावजूद इसके आज तक वादे को पूरा नहीं किया गया।

            रोहित तिवारी ने महासभा को अपने संबोधन में कहा कि सातवें वेतनमान का तब तक फायदा नहीं है जब तक लिपिकों के चार स्तरीय वेतनमान को लागू नहीं किया जाता है। पिछले चार साल से हम सरकार से अपील कर रहे हैं। लिपिक हक की मांग कर रहे हैं। लेकिन लगता है सरकार ने अपील और दलील को एक सिरे नकार दिया है। इस महासभा की भीड़ भी उन्हें दिखाई देती होगी। इसलिए सरकार से बताना चाहता हूं कि अपने हक के लिए 45 डिग्री पारा ही नहीं बल्कि किसी भी बाधा को पार करने की लिपिक वर्ग क्षमता रखता है।

            रोहित ने अपने भाषण में कहा कि दो सूत्रीय मांग के लिए उग्र आंदोलन किया जाएगा। जिला कार्यालयों में कलमबंद हड़ताल किया जाएगा।

                        महासभा के सामने मंत्रालयीन कर्मचारी संघ अध्यक्ष किर्तीवर्धन उपाध्यक्ष और संचालयीन कर्मचारी संघ अध्यक्ष जितेन्द्र सिंह ठाकुर ने भी मांग को जायज बताया। आंदोलन को प्रत्येक स्तर पर सहयोग करने का आश्वासन दिया। इस दौरान प्रदेश के कोने कोने से आए जिला अध्यक्षों ने अपनी बातों को रखा। सभी ने तय समय के भीतर मांग पूरी नहीं होने पर आंदोलन करने का एलान किया।

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