रायपुर। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की अध्यक्षता में सोमवार को मंत्रालय (महानदी भवन) में आयोजित कार्यक्रम में राज्य में सौर ऊर्जा आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एम.ओ.यू.) पर हस्ताक्षर किए गए। यह एम.ओ.यू. छत्तीसगढ़ सरकार के वाणिज्य और उद्योग विभाग तथा निजी क्षेत्र की कम्पनी मेसर्स लैको इन्फ्राटेक लिमिटेड के बीच हुआ।
उल्लेखनीय है कि यह कम्पनी मेसर्स लैंको सोलर प्राइवेट लिमिटेड की सहायक कम्पनी है। इस एम.ओ.यू. के अनुसार लैंको इन्फ्राटेक लिमिटेड द्वारा छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में 290 करोड़ रूपए का पूंजी निवेश कर 100 मेगावाट के सोलर सेल्स का उत्पादन किया जाएगा। इस उद्योग की स्थापना राजनांदगांव जिले में 250 एकड़ के रकबे में सौर ऊर्जा उद्योगों के लिए बनाए गए विशेष आर्थिक क्षेत्र (सोलर स्पेशल इकोनॉमिक जोन) में की जाएगी।
एम.ओ.यू. पर राज्य सरकार की ओर से वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह तथा निवेशक कम्पनी की ओर से उनके अध्यक्ष श्री राजकुमार राय ने हस्ताक्षर किए। इस मौके पर मुख्य सचिव श्री विवेक ढांड, ऊर्जा विभाग और मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री अमन कुमार सिंह, उद्योग विभाग के संचालक श्री कार्तिकेय गोयल और संचालक जनसम्पर्क श्री राजेश सुकुमार टोप्पो, लैंको इन्फ्राटेक लिमिटेड के कार्यकारी चेयरमेन श्री एल मुरलीधर राव तथा राज्य सरकार के संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
अधिकारियों ने बताया कि यह पहला अवसर है जब भारत में पॉली-सिलिकॉन और वेफर निर्माण की सुविधा इस कम्पनी के माध्यम से देश में आ रही है। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने इस मौके पर एम.ओ.यू. के लिए उद्योग विभाग और संबंधित कम्पनी को बधाई दी। उन्होंने उम्मीद जतायी कि यह उद्योग छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मेक इन इंडिया की भावना के अनुरूप काम करते हुए राज्य और देश के आर्थिक विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान देगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की आकर्षक उद्योग नीतियों के बेहतर क्रियान्वयन के फलस्वरूप विगत एक दशक में छत्तीसगढ़ को औद्योगिक पूंजी निवेश आकर्षित करने में अच्छी सफलता मिली है। राज्य के आर्थिक विकास में कार्पोरेट सेक्टर भी अपनी महत्वपूर्ण भागीदारी निभा रहा है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि भारत सरकार के राष्ट्रीय सौर ऊर्जा मिशन को सफल बनाने तथा इस मिशन के माध्यम से देश में सन् 2022 तक 100 गीगावाट (जी.डब्ल्यू) विद्युत उत्पादन के राष्ट्रीय लक्ष्य को पूर्ण करने के लिए छत्तीसगढ़ भी वचनबद्ध है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि खनिज सम्पदा और ऊर्जा की दृष्टि से छत्तीसगढ़ एक समृद्ध राज्य है। इस आधार पर यह राज्य यहां निवेशकों को न्यूनतम लागत में सौर ऊर्जा उपकरणों के निर्माण के बेहतर अवसर प्रदान कर सकता है। इससे इन उपकरणों के विश्व बाजार में प्रतिस्पर्धा में निवेशकों को काफी आसानी होगी। डॉ. रमन सिंह ने कहा कि इस प्रकार के तकनीकी कार्यों के लिए कुशल मानव संसाधन की जरूरत को भी हम महसूस करते हैं। उन्होंने संबंधित कम्पनी को इस उद्योग के लिए आवश्यक अधोसंरचना तथा कुशल मानव संसाधन उपलब्ध कराने की दिशा में हर संभव सहयोग का भरोसा दिया।