रायपुर जाएगा कानन का बैटरी चलित वाहन

BHASKAR MISHRA
3 Min Read

KANANNबिलासपुर—-21 फरवरी को नया रायपुर में जंगल सफारी का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करेंगे। राज्य सरकार ने पीएम को खुश करने जिले के पर्यटन केन्द्र कानन पेण्डारी की सभी बैटरी चलित वाहनो को रायपुर मंगाया है। इसे लेकर पर्यटकों और जिलाप्रेमी अधिकारियों में आक्रोश है।

Join Our WhatsApp Group Join Now

               पर्यटकों को बेहतर सुविधा मिले। पर्यटकों में जीव जल्तुओं के प्रति प्रति रूझान बढे। राज्य सरकार पर्यटन केन्द्रों  के लिए विभिन्न योजनाओ और पर्यटको को सुविधा प्रदान करने की बात करती है। लेकिन राज्य फरमान ने सैलानियों को निराश किया है।

    जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 21 फरवरी को रायपुर में जंगल सफारी का उद्घाटन करेंगे। जंगल सफारी की व्यवस्था में कही कोई कमी ना हो इसके लिए प्रदेश सरकार ने कानन पेन्डारी की व्यवस्था को प्रभावित करने वाला आदेश जारी किया है। राज्य सरकार ने कानन पेण्डारी के सभी बैटरी चलित वाहनों को जंगल सफारी में शिफ्ट करने का आदेश दिया है। इससे अधिकारियों में मायूसी और पर्यटकों में नाराजगी है।

                   मालूम हो कि कानन पेण्डारी को मिनी जू का दर्जा हासिल है। पर्यटको की सुविधा को ध्यान में रखते हुए जू में बैटरी चलित वाहानो की संख्या को बढाकर चार से आठ कर दिया गया था। इससे विकलांगो और वृद्धजनो को सुविधा को लाभ तो मिला ही साथ में कानन के राजस्व में भी इजाफा हुआ। लेकिन अब शासन ने बैटरी चलित वाहनों को रायपुर जंगल सफारी में शिफ्ट करने का एलान किया है।

                                21 फरवरी को नया रायपुर में जंगल सफारी की शुरूवात प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करेंगे।  मंत्रालय ने बिलासपुर की सभी 8 बैटरी चलित वाहनो को रायपुर शिफ्ट करने को कहा है। जो ना केवल बिलासपुर के साथ बल्कि पर्यटकों के साथ बहुत बड़ा छलावा है। जाहिर सी बात है कि अब कानन पेण्डारी आने वाले पर्यटकों को बैटरी चलित वाहनो का लाभ नहीं मिलने वाला है।

                                डीएफओ अमिताभ वाजपेयी पहले तो इस मामले में कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया। बाद में उन्होने बताया कि जंगल सफारी के उद्घाटन के बाद कानन पेन्डारी के सभी बैटरी चलित वाहनों को वापस लाया जाएगा। समझने वाली बात है कि क्या ऐसा संभव है। क्योकि जो चीज एक बार जाती है वह कभी लौटती है..ऐसा कम ही देखने को मिला है। बहरहाल वन मंत्रालय के इस फरमान से एक बार फिर बिलासपुर अपने आपको छला महसूस कर रहा है।

close