राष्ट्रीय पुस्तक मेला शास्त्री स्कूल में 5 से 13 नवंबर तक,50 से अधिक रचनाकारों की भी रहेगी भागीदारी

Chief Editor
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बिलासपुर ।राष्ट्रीय पुस्तक मेले का आयोजन लालबहादुर शास्त्री उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में 5 से 13 नवम्बर के मध्य किया जा रहा है।राष्ट्रीय पुस्तक न्यास,भारत मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधीन एक स्वायत्त निकाय है जो पुस्तक संस्कृति की दिशा में विगत 60 वर्षों से अधिक समय से पुस्तक उन्नयन की दिशा में कार्य कर रहा है।प्रेस कांफ्रेंस में न्यास के हिंदी संपादक व छत्तीसगढ़ नोडल अधिकारी डॉ ललित किशोर मंडोरा ने बताया कि इस 9 दिवसीय पुस्तकमेले में 8 दिन साहित्यिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा,जिसमें 51 रचनाकार भागीदारी करेंगे।इस अवसर पर डॉ मंडोरा ने बताया कि न्यास पूरे भारत वर्ष में व विदेशों में भी पुस्तको के उन्नयन की दिशा में प्रयासरत है।अभी पिछले दिनों न्यास ने अजमेर,उज्जैन,धर्मशाला,उदयपुर पुस्तक मेलों का आयोजन किया है।अभी जल्द चंडीगढ़ व अन्य स्थानों में पुस्तक मेलों का आयोजन किया जा रहा है।जनवरी में नई दिल्ली विश्व पुस्तकमेला का आयोजन प्रगति मैदान में 4 से 12 जनवरी के मध्य किया जा रहा है।इस बिलासपुस्तक मेले में हिंदी अंग्रेजी व उर्दू की पुस्तकों को भी विक्रय के लिए प्रदशित किया जाएगा।न्यास ने अब तक 12000 से अधिक शीर्षक से ज्यादा पुस्तकें प्रकाशित की है।लगभग 300 से अधिक विदेशी पुस्तकमेलों में भागीदारी की है।पिछले दिनों आबूधाबी, शारजाह,बाकू पुस्तकमेलों में हमने प्रतिनिधित्व किया है।जल्द मैकिसको, व पेरिस पुस्तक मेले भी न्यास की एक सार्थक भूमिका रहने वाली है।बिलासपुर पुस्तक मेले में रोजाना विभिन्न विषयों पर दोपहर 4 बजे से 5.30 बजे तक संगोष्ठी,शाम 6 बजे से  पुस्तक विमोचन, 6.30 से  सांस्कृतिक कार्यक्रम स्थानीय संस्थाओं,कालेजों और स्कूलों के द्वारा कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे।ऐसा हमारा प्रयास रहेगा।इस मौके पर न्यास के सहायक निदेशक सुभाषीस दत्ता ने बताया कि इस पुस्तक मेले में 40 से अधिक प्रकाशक भागीदारी कर रहे है।43 स्टाल के अलावा इस पुस्तक मेले मे छत्तीसगढ़, उत्तरपदेश,राजस्थान,दिल्ली,मध्यप्रदेश के प्रकाशक भागीदारी कर रहे है। वहीं स्थानीय लेखकों के लिए बिलासा कला मंच के सहयोग से छत्तीसगढ़ मंडप होगा जहां उनकी किताबों के रखी जाएगी।श्री दत्ता ने प्रेस वार्ता में अपील की कि अधिक से अधिक संख्या में पुस्तक प्रेमी पुस्तकमेले का आनंद ले सकें,अपनी मनपसंद पुस्तकें खरीद सकें।ऐसा हमारा प्रयास है।इस मौके पर  बिलासा कला मंच के संस्थापक,वरिष्ठ साहित्यकार डॉ सोमनाथ यादव  मौजूद थे,जिन्होंने अपनी बातों को भी साँझा किया।


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