राष्ट्रीय विज्ञान सेमिनार…प्रतिभा देख दंग हुए निर्णायक….बताया…आवर्ती तत्वों का आम जीवन पर जबरदस्त प्रभाव

BHASKAR MISHRA
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कांकेर —कांकेर में राष्ट्रीय विज्ञान सेमिनार का आयोजन किया गया। कक्षा आठवीं से दसवीं के बच्चे सेमिनार में अपने विचारों को प्रभावी तरीके से पेश कर लोगों का दिल जीत लिया। इस दौरान मेधावी बच्चों को सम्मानित भी किया गया।
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            कांकेर में राष्ट्रीय विज्ञान सेमिनार का आयोजन किया गया। इस दौरान कक्षा आठवी से लेकर दसवी के बच्चों ने दिल खोलकर अपनी प्रतिभा पेश लोगों को दातों तल उंगलिया दबाने को मजबूर कर दिया। छात्रों ने रासायनिक तत्वों की आवर्त सारणी का मानव जीन पर प्रभाव पर अपने विचारों को पेश कर लोगों को सोचने समझने को मजबूर कर दिया। छात्रों ने इस दौरान वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ तर्कों को भी रखा।
                 राष्ट्रीय विज्ञान सेमिनार में प्रथम स्थान कुमारी वैशाली मंडावी शा. उच्च माध्यमिक विद्यालय डुमाली ने हासिल किया। दूसरे स्थान पर आकांक्षा साहू  शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पटौद ने कब्जा किया। खुशबू नागवंशी शासकीय उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय डुमाली ने तीसरे स्थान हासिल कर लोगों को सोचने के लिए मजबूर किया।
                प्रतियोगिता में निर्णायक की भूमिका में मौजूद यशवंत जैन व्याख्याता, गंगेश्वर जांगडे व्याख्याता, मीरा आर्ची चौहान ने तीनो बच्चियों की जमकर तारीफ की। खंडशिक्षा अधिकारी कांकेर भुवन जैन ने शिक्षकों और छात्रों से कहा कि वर्तमान जीवन मे  विज्ञान की महती भूमिका है। आवर्त सारणी में उपस्थित तत्व का मानव जीवन में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष योगदान है। हमारी जिम्मेदारी है कि आवर्त सारणी की रसायनिक तत्वों को आवश्यकतानुसार मानव जीवन के लिए सदुपयोग करें।
                 खण्ड शिक्षा अधिकारी ने कहा कि मानव को सतर्क होकर काम करना होगा। आयोजन का उद्देश्य छात्रों के वैज्ञानिक दृष्टिकोण को विकसित करना है कार्यक्रम संयोजक हेमेंद्र साहसी ने बताया कि विकासखंड के चयनित छात्र 20 अगस्त को जिला स्तरीय प्रतियोगिता में शामिल होंगे। स्कूल और माता पिता का नाम रोशन करेंगे।  मीरा आर्ची चौहान ने प्रतिभागियों को प्रोत्साहित करते हुए कविता के माध्यम से छात्रों को जमकर उत्साहित किया। आसमान की बुलंदी को अपनी मेहनत से हासिल करने के लिए प्रेरित किया।
            यशवंत जैन और जांगडे ने जिला स्तरीय प्रतियोगिता के लिए तैयारी और सहयोग का आश्वासन दिया। इस दौरान प्रतिभागी छात्रों को पुरस्कृत करने के साथ ही निर्णायकों का भी आयोजक मंडल ने सम्मानित किया। नीतेश उपाध्याय ने बताया कि शिक्षक चाहे तो नए वैज्ञानिक अपनी शाला में तैयार कर सकते हैं। लेकिन छात्रों को इसके लिए आगे आना होगा।  कार्यक्रम के सफल आयोजन में प्रमीला साव , सारिका वाल्यानी, पूनम देवांगन,  का सराहनीय योगदान भी नजर आया।
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