बिलासपुर–रेलवे बोर्ड ने किसी भी रेलवे अस्पताल तक पहुँचने के लिए भारतीय रेलवे के कर्मचारियों और लाभार्थियों को अद्वितीय चिकित्सा पहचान पत्र जारी करने का फैसला किया है। मेडिकल पहचान पत्रों में एकरूपता लाने दक्षिण पूर्व माध्य रेलवे ने इस दिशा में कार्य भी प्रारम्भ कर दिया है |
मेडिकल पहचान पत्रों में एकरूपता लाने रेलवे बोर्ड ने अद्वितीय पहचान पत्र देने का फैसला किया है। योजना का लाभ के लिए कर्मयारयों को रेलवे बोर्ड के दिशानिर्देशों के अनुसार,UMID पोर्टल पर स्वयं पंजीकरण करना होगा । पोर्टल में आश्रितों की जानकारी देना अनिवार्य होगा।क्योंकि आश्रितों को अलग से आईडी कार्ड दिया जाएगा। ।
रेल प्रशासन से हासिल जानकारी के अनुसार भारतीय रेलवे में स्वास्थ्य इकाइयों के सिस्टम में बदलाव किया जा रहा है। रेलवे कर्मचारी और अधिकारी ऑनलाइन आवेदन जमा कर स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ लेंगे। पंजीकरण, अनुमोदन और कार्ड निर्माण की सभी प्रक्रिया अब पोर्टल में होगा। योजना के बारे में पत्र देकर कर्मचारियों और अधिकारियों को जानकारी दी गयी है। पत्र में बताया गया है कि योजना का लाभ लेने सभी सेवारत, सेवानिवृत्त कर्मचारियों और अधिकारियों को 31 मई, 2019 से पहले पंजीकरण कराना अनिवार्य है।
चिकित्सा पहचान पत्र के डिजिटलीकरण के लिए रेलवे बोर्ड के फैसले का कर्मचारियों को और अधिकारियों ने स्वागत किया है | योजना से ऐसे कर्मचारियों को बड़ी आसानी होगी जो दूरदराज के क्षेत्रों में काम करते हैं। “नए सिस्टम से कर्मचारी किसी भी स्थान से आवेदन कर सकेंगे। देश भर के किसी भी रेलवे अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं का उपयोग बहुत आसानी और सुविधा से ले सकेंगे। सिस्टम में भौतिक कार्ड ले जाना अब अनिवार्य नहीं होगा |
रेल प्रशासन के अनुसार रेलवे के कम से कम 40% कर्मचारियों के पास मेडिकल कार्ड हैं। दूरदराज के क्षेत्रों में काम करने वाले कर्मचारियों को उपचार के लिए रेलवे डिवीजन मुख्यालय आना पड़ता है। नए सिस्टम से लगभग सभी रेलवे कर्मचारियों को खुद को पंजीकृत करना होगा। अब आवेदन जमा करने के लिए मुख्यालय की यात्रा करने की आवश्यकता नहीं होगी।