रेल अधिकारियों के ठिकाने पर सीबीआई का छापा

BHASKAR MISHRA
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R_CT_RPR_545_26_rail_budjet_VIS3_VISHAL_DNGबिलासपुर- न्यू कुसमुंडा साईडिंग में रेल लाईन विस्तार और अपग्रेडेशन में हुई गड़बड़ी की शिकायत पर मंगलवार को सीबीआई टीम ने रेलवे के इंजीनियरिंग विभाग में पदस्थ अधिकारियों के घरों में छापामार कार्यवाही की। सीबीआई ने दस्तावेजों की जांच पडताल कर जरूरी रिकार्ड जब्त किया है। अधिकारियों और परिजनों से पूछताछ की है।

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                            सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सीबीआई भिलाई और दिल्ली की टीम मंगलवार की सुबह रेलवे कालोनी में स्थित रेलवे अधिकारियों के घरों में दबिश दी। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे बिलासपुर जोन के सीनियर डीईएन भावेश पांडेय, एईएन केसी पाणीग्रही, चीफ टेक्निकल इंजीनियर के.सी जयंती समेत अन्य आला अधिकारियों के घरों में जांच पड़ताल की है। बताया जा रहा है कि न्यू कुसमुंडा में तीन नंबर रेल लाईन का विस्तार और 2-3 नंबर लाईन अपग्रेडेशन कार्य में कई तरह से बोगस कार्य दिखाकर ठेकेदार को अधिक राशि का भुगतान किया गया है। अनियमितता की शिकायत पर सीबीआई ने छापामार कार्यवाही की है।

                कार्य में एसईसीएल से भी निर्धारित दर से कई गुना ज्यादा राशि हासिल कर ली गई थी। इसी तरह दो अन्य कार्यो में भी व्यापक पैमाने में गड़बड़ी हुई थी। नवंबर 2014 में मामला उजागर हुआ था। शिकायत के 8 माह बाद सीबीआई भिलाई की टीम कोरबा पहुंचकर मामले की जांच शुरू की। टीम के सदस्यों ने घटनास्थल जाकर पूरा जायजा लिया। इस दौरान न्यू साइडिंग के प्लेटफार्म में लगाए गए टाइल्स का परीक्षण किया । रेल लाइन निर्माण के दौरान मिट्टी हटाकर डंप किए जाने की दूरी की भी जांच पड़ताल की गई।

रेलवे और एसईसीएल के अधिकारियों के साथ कार्य के संदर्भ में विभिन्न जानकारी सीबीआई ने हासिल की। बयान कलमबद्ध करने के बाद सीबीआई वापस लौट गई थी। सीबीआई के अफसरों ने इस मामले में कुछ खुलासा तो नहीं किया पर व्यापक पैमाने में गड़बड़ी का संकेत दिया है। बताना लाजिमी है रेलवे की विभागीय विजिलेंस टीम ने जांच पड़ताल आरंभ की थी। विजिलेंस की टीम 24 नवंबर को ही स्थल निरीक्षण किया था। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे बिलासपुर जोन के मुख्य अभियंता सिविल  वेदपाल पूनिया, सीनियर डीईएन भावेश पांडेय, एईएन केसी पाणीग्रही समेत अन्य आला अधिकारियों की टीम ने न्यू कुसमुंडा रेलवे साईडिंग के तीन नंबर लाईन के विस्तार, मिट्टी फैलाव और 2-3 नंबर रेल लाईन के अपग्रेडेशन के लिए हुए कार्यों का जायजा लिया था।

                    मामले में तत्कालीन सीनियर सेक्शन इंजीनियर चांपा अशोक डोम को चांपा से हटा कर पहले रायगढ़ पदस्थ किया गया बाद में विभागीय और विजिलेंस जांच होने की वजह से बिलासपुर मुख्यालय में अटैच कर दिया गया था।

क्या है मामला
न्यू कुसमुंडा में तीन नंबर रेल लाईन का विस्तार और 2-3 नंबर लाईन अपग्रेडेशन का कार्य अकलतरा के ठेकेदार को दिया गया था। कार्य के लिए 2 करोड़ 37 लाख 12 हजार 755 रुपए का कार्यादेश 21 मई 2013 को जारी किया गया था। पत्थर तोड़ने के लिए 10 लाख का भुगतान कर दिया गया, जबकि स्थल पर पत्थर ही नहीं था। मिट्टी की खुदाई, 500 मीटर से 25 किलोमीटर तक दूर फेंकने और समतलीकरण के नाम पर पृथक- पृथक राशि निकाली गई। सिर्फ मिट्टी खुदाई का तीन बार अलग मापदंड बता कर 14 लाख, फिर 27 लाख, लोडिंग और अनलोडिंग के लिए 15 लाख, फेंकने में  25 लाख और मिट्टी फैलाए जाने के लिए 26.5 लाख रुपए का भुगतान कर दिया गया।

                  नियमानुसार एक किलोमीटर रेल लाईन विस्तार के लिए लगभग एक करोड़ रुपए खर्च होता है। लेकिन छह करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया गया। अपग्रेडेशन के नाम पर 8 करोड़ रुपए राशि की बंदरबांद हुई। यह राशि एसईसीएल से मिली थी। इसी तरह दो अन्य कार्य में गड़बड़ी की गई और 57 लाख रुपए का अतिरिक्त भुगतान कर दिया गया।

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