रेल क्रेन हादसाः 8 घायल..तीन की हालत नाजुक…मौके पर पहुंचे विधायक शैलेश..बताया घनघोर लापरवाही…सीपीआरओ ने कहा..3 सदस्यीय टीम करेगी जांच

BHASKAR MISHRA
हादसा स्थल पर बिलासपुर विधायक शैलेश पाण्डेय,,अधिकारियों के साथ किया मौके का निरीक्षण

बिलासपुर— चुचुहियापारा रेल क्रेन हादसे में अब तक आठ लोगों के घायल होने की खबर है। बताया जा रहा है कि ठेकेदार या उसका कर्मचारी गंभीर रूप से घायल है।तीन घायलों का इलाज अपोलो में चल रहा है।

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                                 रेल प्रशासन ने हादसे की जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम का एलान किया है। स्थानीय विधायक शैलेश पाण्डेय ने मौके पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया। उन्होने कहा कि मामले में उच्च स्तरीय जांच की जरूरत है। शैलेश पाण्डेय के अनुसार बेशक बहुत बड़ा हादसा टल गया। लेकिन इसे भी टाला जा सकता था।

                             चुचुहियापारा अण्डरब्रिज क्रेन हादसे में अब तक 8 लोगों के घायल होने की खबर है। जानकारी के अनुसार पांच लोगों को अपोलो में भर्ती कराया गया है। जिसमें तीन लोगों की स्थित नाजुक है। जबकि अन्य तीन लोगों का सिम्स और रेलवे अस्पताल में इलाज चल रहा है। घायलों की संख्या बढ़ सकती है। मौके पर मेडिकल रीलिव ट्रेन भी पहुंच चुकी है। चूंकी ओएचई पुरी तरह से बरबाद हो चुका है। इसके चलते रीलिव ट्रेन को घटना स्थल से दूर ही रोकना पड़ा है। हादसे के बाद रेल प्रशासन ने छोटी बड़ी गाड़ियों की दिशा में परिवर्तन कर दिया है। कुछ कुछ गाड़ियों को रद्द भी कर दिया गया है।

 मौके पर पहुंचे स्थानीय विधायक शैलेष  

               घटना की जानकारी मिलने के बाद बिलासपुर विधायक शैलेश पाण्डेय निर्माणाधीन अण्डरब्रिज के पास पहंचे। उन्होने मौके का मुआयना किया। पाण्डेय ने पत्रकारों को बताया कि घटना काफी दुखद है। इसके सीधे तौर पर रेल प्रबंधन और उसके कर्मचारी जिम्मेदार हैं। मौके पर प्रथम दृष्टया पाया गया कि जमीन काफी कमजोर है। जबकि भारी काम हो रहा था..बावजूद इसके गाड़ियों को परम्परागत लाइन से पास किया जा रहा था। शुक्र है कि यात्री ट्रेन गुजरते समय क्रेन नहीं गिरा अन्यथा बहुत बड़े हादसे को टाला नहीं जा सकता था। 

               शैलेश ने बताया कि मिट्टी काफी कमजोर है। अगल बगल सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम भी नहीं किए गये है। इसके लिए ना केवल ठेकेदार बल्कि रेल प्रबंधन भी जिम्मेदार है। बेहतर होता कि गर्डर डालते समय ट्रेनों की आवाजाही पर अंकुश लगाया जाना चाहिए था। लेकिन ऐसा नही किया गया। यदि किया जाता तो शायद कम्पन से बचाव होता और हादसे को टाला जा सकता था। हमारी मांग है कि मामले में उच्च स्तरीय जांच हो। लापरवाह प्रबंधन के लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की जाए।

तीन सदस्यीय कमेटी करेगी जांच-अपोलो में घायलों से मिले

            हादसे पर सीपीआरओ साकेत रंजन ने बताया कि हादसा बहुत बड़ा है। रेलवे को काफी नुकसान के साथ यात्रियों और कर्मचारियों को परेशानी हुई है। प्रबंधन ने तीन सदस्यीय जांच टीम का एलान किया है। टीम जांच पड़ताल के बाद रिपोर्ट देगी। रिपोर्ट के आधार पर हादसे के लिए जिम्मेदार व्यक्ति या ठेकेदार पर कार्रवाई होगी। पता लगाया जाएगा कि ठेकेदार ने क्या जानबूझकर सुरक्षा व्यवस्था के साथ खिलवाड़ किया है।

               साकेत रंजन ने बताया कि हादसे में 8 लोगों को गंभीर चोट पहुंची है। ठेकेदार या उसके कर्मचारी को गंभीर चोट पहुंची है। इसके अलावा तीन लोगों को गंभीर चोट आयी है। तीन लोगों को अपोलो में भर्ती किया गया है। इसके अन्य घायलों का सिम्स और रेलवे अस्पताल में इलाज चल रहा है।

                          साकेत रंजन ने बताया कि हादसा काम खत्म करने के अंतिम समय में हुआ। इस समय गर्डर को चढ़ाया जा चुका था। ठीक उसी समय क्रेन के नीचे की मिट्टी खिसक गयी। जिसके बाद भारी भरकम क्रेन पलट गयी। देखते ही देखते कुछ कर्मचारी चपेट में आ गये। लेकिन सबको बचा लिया गया है।बहरहाल जांच के बाद स्प्ष्ट हो जाएगा कि हादसे की वजह क्या है। जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।                

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