रोपाई, बियासी पिछड़ी -सूखे के हालातः पूरे प्रदेश का होगा सर्वे

Chief Editor

sookha

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रायपुर ।     कृषि विभाग के अपर मुख्य सचिव एवं कृषि उत्पादन आयुक्त  अजय सिंह ने शनिवार को यहां विभाग के मैदानी अधिकारियों की बैठक लेकर प्रदेश में वर्षा तथा खेती-किसानी की स्थिति की जिलेवार समीक्षा की। श्री सिंह ने सिंचाई जलाशयों में जल भराव की स्थिति तथा सिंचाई पम्पों के बारे में भी जानकारी ली। उन्होंने खेती के वर्तमान हालात को देखते हुए आकस्मिक कार्य-योजना बनाने के निर्देश अधिकारियों को दिए। बैठक में संचालक कृषि  पी.आर. कृदत्त सहित जिला कार्यालयों के उप संचालक और संभागीय कार्यालयों के संयुक्त संचालक उपस्थित थे।
अधिकारियों ने बताया कि अल्पवर्षा के कारण प्रदेश की कुछ तहसीलों में धान की बियासी और रोपाई का काम पिछड़ा हुआ है। बस्तर संभाग के कई जिलों के अधिकारियों ने बताया कि उनके जिलों में हाल में ही थोड़ी ठीक-ठाक बरसात हुई है। जिसके चलते खेतों में पानी का भराव है। ऐसे क्षेत्रों में बियासी का काम चल रहा है। आने वाले दिनों में बियासी और रोपाई का प्रतिशत बढ़ने की संभावना है। अपर मुख्य सचिव श्री सिंह ने अल्पवर्षा से सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों के सिंचाई जलाशयों में जल भराव की स्थिति की विशेष रूप से जानकारी ली। बैठक में प्रदेश की खेती-किसानी की वर्तमान हालत पर व्यापक चर्चा करने के बाद दूसरी फसल की संभावनाओं पर भी विचार-विमर्श किया गया। बैठक में बताया गया कि चालू माह के अंत तक भी अच्छी बारिश नहीं होती है, तो सितम्बर माह के प्रथम सप्ताह में पूरे प्रदेश में सर्वे कराया जाएगा। सर्वे के बाद खेती की जमीन में नमी की मौजूदगी की विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाएगी। इस रिपोर्ट के आधार पर दूसरी फसल के लिए कार्ययोजना बनाई जाएगी। इस रिपोर्ट में अलग-अलग क्षेत्रों में उपयुक्त दूसरी फसल लेने का सुझाव भी शामिल रहेगा। श्री सिंह ने संभावित दूसरी फसल के लिए जरूरत के अनुरूप विभिन्न फसलों के बीजों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए अभी से तैयारी करने के निर्देश बीज विकास निगम के अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि खाद की आपूर्ति के लिए भी जरूरी उपाय अभी से किए जाने चाहिए।

अधिकारियों ने बताया कि अगस्त माह के अंत में अच्छी बारिश होने की स्थिति में फसलों की स्थिति सुधर सकती है।
बैठक में चालू खरीफ मौसम के लिए लागू राष्ट्रीय फसल बीमा योजना के क्रियान्वयन के लिए की जा रही कार्रवाईयों के संबंध में भी विचार-विमर्श किया गया। अपर मुख्य सचिव ने निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ही समस्त औपचारिकताएं पूरी करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारी बैंको के साथ समन्वय कर प्रीमियम राशि जमा कराने के संबंध में जरूरी कार्रवाई करें। संचालक कृषि श्री कृदत्त ने बताया कि राष्ट्रीय फसल बीमा योजना के तहत पटवारी हल्कों को फसल कटाई प्रयोग के लिए इकाई बनाया गया है। हर पटवारी हल्का पर छह फसल कटाई प्रयोग किया जाना है। फसल कटाई प्रयोग के समय विभाग के अधिकारी अनिवार्य रूप से उपस्थित रहेंगे। बैठक में फसल कटाई प्रयोग के लिए निर्धारित प्रशिक्षण की प्रगति की भी जानकारी ली गयी।
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के निर्देश के अनुसार नदी-नालों से सिंचाई के लिए पानी लेने सिंचाई पम्पों को बिजली का कनेक्शन देने प्राथमिकता से कार्रवाई की जाए। इसके लिए विद्युत मंडल के अधिकारियों के साथ नियमित सम्पर्क करना जरूरी। उन्होंने अधिकारियो को फसल की स्थिति की जानकारी लेने के लिए सघन दौरा करने के निर्देश भी दिए।

 

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