लिपिक वर्ग नेता रोहित का एलान…करेंगे उग्र आंंदोलन…स्वेच्छाचारी डीईओ को देंगे मुंहतोड़ जवाब

BHASKAR MISHRA
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अधीनस्थ लेखा सेवा परीक्षा,आयोजित,लिपिक संघ,मांग,संचालक ,ज्ञापन,raipur,bilaspur,chhattisgarh,news,mantralay,atal nagar,बिलासपुर— छत्तीसगढ़ प्रदेश लिपिक वर्गीय शासकीय कर्मचारी प्रदेश अध्यक्ष ने महासमुद के जिला शिक्षा अधिकारी  के खिलाफ आंदोलन की धमकी दी है। रोहित ने बताया कि बीएल कूर्रे ने शासन के नियमो के विपरीत जाते हुए स्वेच्छाचारी आदेश जारी किया है। तानाशाही आदेश का लिपिक वर्ग विरोध करता है। यदि आदेश को वापस नहीं लिया गया तो प्रदेश का लिपिक संघ ना केवल पुरजोर विरोध करेगा। बल्कि सड़क पर उतरकर उग्र आंदोलन भी करेगा।
                      लिपिकों के नेता रोहित तिवारी ने बताया कि महासमुन्द जिला शिक्षा अधिकारी बी एल कूर्रेे ने लिपिकों के खिलाफ आदेश जारी कर शासन के आदेश को ना केवल दरकिनार किया है। बल्कि स्वेच्छाचारीता का परिचय देते हुए लिपिकों को प्रताड़ित करने का फैसला किया है। जिला शिक्षा अधिकारी की मनमानी को हरगिज बर्दास्त नहीं किया जाएगा।
                   तिवारी ने बताया की छत्तीसगढ़ शासन ने लिपिको के लिए कंप्यूटर प्रोत्साहन भत्ते का आदेश वर्ष 2013मे जारी किया था। आदेश के अनुसार कौशल परीक्षा उतीर्ण लिपिको को 500 रुपए और उतीर्ण ना होने पर लिपिकों को 250 रुपए प्रतिमाह दिए जाएंगे। योजना के तहत छत्तीसग़ढ़ प्रदेश के कई जिलो मे आदेश के परिपालन मे कौशल परीक्षा आयोजन किया गया। शासन के आदेशानुसार उत्तीर्ण लिपिको को लाभ दिया गया। परीक्षा मे भाग लेने के लिए कोई भी शर्त भी शासन की तरफ से नहीं थोपा गया था। बावजूद इसके जिला शिक्षा अधिकारी महासमुंद ने तानाशाही कर अलग से आदेश जारी किया है।
                 महासमुद जिला शिक्षा अधिकारी बीएल कूर्रे ने शासन के नियमो को ताक मे रख स्वेच्छाचारीता का परिचय देते हुऐ मात्र अनुकंपा नियुक्ति प्राप्त लिपिकों के लिए ही कौशल परीक्षा का आयोजन किया गया। जबकि शासन ने परीक्षा मे भाग लेने के लिए कोई शर्ते नहीं किया था। संघ जिला शिक्षा अधिकारी के अविवेकपूर्ण आदेश का पुरजोर विरोध करता है। छत्तीसगढ़ शासन के निर्देशानुसार प्रत्येक नियमित लिपिक को उक्त परीक्षा मे शामिल करने मांग करता है। यदि  संघ की मांग को अनदेखा किया जाता है तो उग्र आन्दोलन किया जाएगा।
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