बिलासपुर… लिपिक संघ के नेता रोहित तिवारी ने कहा कि जबरिया वेतन कटौती को हम बर्दास्त नहीं करेंगे। वेतन कटौती के पहले अनुमति लिया जाना जरूरी है। रोहित तिवारी ने दो टूक कहा कि वेतन कटौती के पहले कर्मचारियों से सहमति लेना जरूरी है।लिपिक संघ नेता और प्रदेश शासकीय लिपिक कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष रोहित तिवारी ने वित्त विभाग के फरमान का विरोध किया है। रोहित ने बताया कि वित्त विभाग ने एक पत्र जारी कर कर्मचारियो के वेतन में एक दिन की वेतन कटौती का फरमान दिया है। आदेश का विरोध करते हुए कर्मचारी नेता ने कहा कि वेतन कटौती स्वैच्छिक हो ना की जबरिया।सीजीवालडॉटकॉम के व्हाट्सएप NEWS ग्रुप से जुडने के लिए यहाँ क्लिक करे
संघ के प्रदेश अध्यक्ष रोहित तिवारी ने कहा की समस्त कर्मचारी मार्च माह में वेतन देकर सहयोग कर चुके हैं। एक बार फिर वेतन कटौती के आदेश प्रसारित करने से पहले संघ की सहमति नहीं ली गयी। आदेश में वेतन कटौती के लिए कर्मचारी की सहमति लेना जरूरी है। थवा नहीं स्पष्ट नहीं किया है। संघ मांग करता है कि कि बिना सहमति के वेतन ना काटा जाए। कटौती स्वैच्छिक होनी चाहिए ना की जबरिया।
रोहित तिवारी ने बताया कि वर्तमान में जुलाई 2019 से कर्मचारियों का महगाई भत्ता लंबित है। जिसके कारण कर्मचारियों को प्रति माह न्यूनतम 2000 से अधिक का नुक़सान हो रहा है। लिपिक वर्ग के कर्मचारियों का वेतन बहुत ही कम है। ऐसे में जबरिया वेतन कटौती का भार दिया जाना उचित नहीं है। वेतन कटौती स्वैच्छिक होने पर समस्या का समाधान होगा। संघ की चेतावनी है कि यदि जबरिया वेतन में कटौती की जाती है तो सड़क पर उतर कर संघ पुरजोर विरोध करेगा।