लोकतंत्र सेनानियों को सम्मानित करेगी केन्द्र सरकार 

Chief Editor
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upasaneरायपुर । लोकतंत्र सेनानी संघ के राष्ट्रीय सम्मेलन दिल्ली में शामिल होकर लौटे राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सच्चिदानन्द उपासने ने बताया कि आपात्काल के दौरान लोकतंत्र की रक्षा हेतु लोकतंत्र सेनानियों ने संघर्ष और बलिदान किया है उनको सूची बद्ध कर भारत सरकार सम्मानित करेगी। लोकतंत्र की रक्षा हेतु लाखों लोगों ने सत्याग्रह कर जेल भरो आन्दोलन चलाया था जिसके परिणाम स्वरूप देश तानाशाही से मुक्त होकर पुनः लोकतंत्र के मार्ग पर चल सका। नई दिल्ली में जंतर मंतर स्थित एन.डी.एम.सी. भवन में सेनानियों के अखिल भारतीय सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करने हेतु केन्द्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि आपात्काल के दौरान लोकतंत्र की हत्या कर इंदिरा गांधी ने देश में तानाशाह थोप दी थी। देश की भावी पीढ़ी को आपात्काल के इतिहास को अवगत कराने स्वतंत्रता संग्राम की तरह लोकतंत्र की बहाली के इतिहास को भी स्कूल कॉलेज के पाठ्यक्रम में शामिल किया जावेगा। आपात्काल के संघर्ष में जिन्होंने भाग लिया उनकी सेवाओं का उल्लेख करते हुये उन्हें सम्मान पत्र दिया जावेगा। 
सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री थावर चंद गेहलोत ने संबोधन में कहा कि न्यायालय द्वारा इंदिरा गांधी का चुनाव अवैध घोषित करने के बाद भी प्रधानमंत्री के पद पर बने रहने लोकतंत्र का गला घोंटकर देश में आपात्काल लगाया व लाखों बेकसूर राजनीतिक कार्यकर्ता व नेताओं को जेलों में बंद कर दिया था। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भाजपा प्रभात झा ने संबोधन में रायपुर की पूर्व विधायक श्रीमती रजनी ताई उपासने  का जिक्र कर कहा कि ऐसी माता को शत् शत् प्रणाम करता हूं जिसने स्वयं संघर्ष किया व तीन तीन पुत्र जेल में थे लेकिन वह झुकी नही, यह सब इतिहास लेखन का विषय है। संासद श्री सत्यनारायण जटिया ने कहा कि सेनानी परिवारों को भी सम्मानित किया जाना चाहिये जिन्होंने बाहर रहकर भी प्रताड़ना झेली। श्री जटिया ने छत्तीसगढ़ के उपासने परिवार को स्मरण करते हुए कहा कि मैंने इस परिवार की त्याग तपस्या व संघर्ष को निकट से देखा है धन्य है ऐसे परिवार। राष्ट्रीय अध्यक्ष कैलाश सोनी ने कहा कि कांग्रेस को देश से माफी मांगनी चाहिए उसने सत्ता में रहते शाह कमीशन जिसने आपात्काल के ज्यादतियों की जांच की वह फाईल/रिपोर्ट भी गायब कराने का अपराध किया है।
उपासने ने बताया कि सम्मेलन में 16 प्रांतों से एक हजार सेनानी शामिल हुये। राष्ट्रीय सम्मेलन में प्रस्ताव सत्र सहित सभा का संचालन राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सच्चिदानन्द उपासने ने किया व अपना सारगर्भित उद्बोधन भी दिया। सम्मेलन में गोवा के पंचायत मंत्री राजेन्द्र आर्लीकर, सांसद राम उदय प्रताप सिंह सांसद मेघराज जैन, पूर्व सांसद जयंती भाई बारोट, पूर्व सांसद श्रीगोपाल व्यास, पूर्व मंत्री अजय विश्नोई व श्रीमती जयश्री बेनर्जी ने भी अपने विचार व्यक्त किये।
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