लोकसभा से SPG संशोधित बिल पास, कांग्रेस के तीखे सवालों का अमित शाह ने दिया ये जवाब

Shri Mi
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नई दिल्‍ली-लोकसभा में ध्वनिमत से एसपीजी संशोधित बिल 2019 पास हो गया है. इस दौरान कांग्रेस ने सदन से वॉकआउट कर लिया है. अमित शाह ने सदन में एसपीजी अधिनियम 2019 (संशोधित) बिल पेश कर किया था. उन्होंने एसपीजी अधिनियम 2019 (संशोधित) बिल पेश कर साफ कर दिया कि नए प्रावधानों का मकसद कानून को उसकी मूल भावना के अनुरूप बनाए रखना है. खासकर जब उसे पहली बार 1988 में लागू किया गया था. उसके लिहाज से एसपीजी कवर सिर्फ प्रधानमंत्री और पूर्व प्रधानमंत्रियों को ही दिया जा सकता था. सीजीवालडॉटकॉम के व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ने यहां क्लिक करे

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अमित शाह ने लोकसभा में कांग्रेस के तीखे सवालों का जवाब देते हुए कहा कि एक इस प्रकार की बातें देश की जनता के सामने लाई जा रही हैं कि एसपीजी एक्ट को गांधी परिवार की सुरक्षा हटाने के लिए बदला जा रहा है. ये वास्तविकता नहीं है. ऐसी भी बात देश के सामने लाई गई कि गांधी परिवार की सरकार को चिंता नहीं है. सुरक्षा हटाई नहीं गई है. सुरक्षा बदली गई है. उन्हें सुरक्षा जेड प्लस सीआरपीएफ कवर, एएसएल और एम्बुलेंस के साथ दी गई है.

उन्होंने आगे कहा कि एसपीजी कैसे बनती है. एसपीजी में सीआरपीएफ और बीएसएफ के ही जवान होते हैं. यह SPG सिर्फ पीएम की शारीरिक सुरक्षा की परवाह नहीं करेगा, बल्कि उनके विभाग, उनके स्वास्थ्य और अन्य चीजों के बीच संचार को भी कवर करना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि सुरक्षा की समीक्षा के बाद चंद्रशेखर जी की सुरक्षा वापस ली गई, कोई नहीं बोला, जबकि चंद्रशेखर जी बहुत बड़े नेता थे, नरसिम्हा राव जी की सुरक्षा ले ली गई, कोई नहीं बोला, आई के गुजराज जी की सुरक्षा ले ली गई. तब भी कोई नहीं बोला. चिंता किसकी है, किसी वीआईपी की या किसी एक परिवार की?. डॉ मनमोहन सिंह की सुरक्षा बदली गई. तब भी किसी ने हल्ला नहीं किया. चिंता करने के दो मापदंड आखिर क्या हैं?

गृह मंत्री ने आगे कहा कि मैं मनीष तिवारी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि कोई सुरक्षा बल कम नहीं किया गया है. इसके बजाय इसे बढ़ाया गया है. आपको एसपीजी की आवश्यकता क्यों है?. कांग्रेस को लोगों के जनादेश स्वीकार करने के लिए सीखने की जरूरत है. वे अब सत्ता में नहीं हैं. अमित शाह ने कहा कि आईबी के निदेशक मनमोहन सिंह जी और उनके परिवार से व्यक्तिगत रूप से मिलने गए और उन्हें आश्वासन दिया कि धमकी-आकलन के बाद SPG की कोई आवश्यकता नहीं है. मनमोहन जी ने खुद उनसे वही करने को कहा जो उन्हें सही लगता है. उनके पत्र का जवाब नहीं देने का कोई मतलब नहीं है.

उन्होंने आगे कहा कि नए एक्ट के तहत अगर किसी की सिक्योरिटी जानी वाली है तो सबसे पहले मोदी जी की जाने वाली है जब वो पीएम पद से हटते हैं तो. एसपीजी तो पीएम पद के लिए होता है. अब आप उस पद पर नहीं हैं. भारत सरकार देश के हर नागरिक की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेती है. जब डायरेक्टर एसपीजी ने गांधी परिवार से संपर्क किया तो गांधी परिवार ने कहा कि आप को जो फैसला लेना है ले लीजिए. डायरेक्टर से नहीं मिले.

उन्होंने आगे कहा कि 50 बार सोनिया गांधी, 339 बार प्रियंका गांधी ने एसपीजी को बिना जानकारी दिए मूवमेंट किया. 2015 के बाद 1862 बार राहुल गांधी ने नियमों को तोड़ा है. मेरा इन तीनों महानुभावों से अनुरोध है कि आप नियम कानून न तोड़े और समय से सूचना दे. पीएम ने एक बार भी नियम कानून नहीं तोड़ा. हमारे देश के पीएम ने सार्वजनिक जीवन में एक कड़ा मापदंड तय किया है.

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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