लोकसुराज के पहले दिन आवेदनों का सूखा…जनता ने कहा नौटंंकी

BHASKAR MISHRA
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nagar nigam 1बिलासपुर—तीन महीने तक थका देने वाले तीन चरणों वाला लोकसुराज अभियान का आगाज रविवार को हुआ। पहला चरण 26 फरवरी से शुरू होकर 28 फरवरी तक चलेगा। इन तीन दिनों में लोगों की समस्याओं और शिकायतों को लिया जाएगा। आवेदनों को कम्यूटर में फीड कर दूसरे चरण में शिविर लगाए जाएंगे। शिविर में समस्या निराकरण की जानकारी दी जाएगी।

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                          निगम क्षेत्र में लोकसुराज का पहला दिन काफी ठंडा रहा । उम्मीद थी कि सुराज अभियान के पहले दिन शिकायत केन्द्रों में भारी भीड़ लगेगी। लेकिन ऐसा कुछ नहीं दिखायी दिया। बिलासपुर शहर समस्याओं का पर्याय है लेकिन किसी ने पहले दिन आवेदन देना जरूरी नहीं समझा। अधिकारियों की मानें तो आने वाले दो दिनों में लोगों की भीड़ जरूर आएगी।

                          लेकिन पहले दिन नगरवासियों ने लोकसुराज अभियान को गंभीरता के साथ नहीं लिया। पांच बजे तक 66 वार्डो में एक्का दुक्का ही लोग छोटी मोटी शिकायत लेकर शिकायत केन्द्र पहुंचे। लेकिन उन्हें भी दस्तावेज पूरे नहींं होने पर लौटना पड़ा।

                                                  महापौर और निगम अधिकारियों के अनुसार नगर के सभी 66 वार्डों में लगातार काम हो रहा है। लोगों की बहुत ज्यादा शिकायतें नहीं हैं। कुछ लोगों ने बताया कि काम तो हो रहा है लेकिन समस्याएं आज भी वहीं खड़ी हैं जहा पहले थी। बल्कि कुछ ज्यादा ही बढ़ गयी हैं। सभी समस्याएं निगम की प्रायोजित हैं। सच्चाई तो यह है कि त्वरित निराकरण का ढिंंढोरा पीटा जा रहा है लेकिन लोकसुराज में होता जाता कुछ नहीं है।

                                            तिलकनगर,पुराना बस स्टैण्ड,दयालबंद,टिकरापारा, सरकंडा पार क्षेत्र के लोगों ने बताया कि लोकसुराज अभियान केवल नौटंकी है। जनता के मिजाज को पढ़ने सरकार लोकसुराज अभियान का सहारा लेती है। हां यह सच है कि इस दौरान थोड़े बहुत काम हो जाते हैं। लेकिन जितना अधिकारी और नेता कहते हैं उतना होता नहीं है।

                      तोरवा क्षेत्र के नागरिकोंं ने बताया कि हमें अब नरक का अनुभव हो चुका है। मरने के बाद अनुभव काम आएगा। बताना आसान होगा कि क्षेत्र में क्या कुछ ठीक है। वरना हमारे यहां समस्याओं की कोई कमी नहींं है। अरपा पार चांटीडीह,लिंगियाडीह, अशोक नगर,कपिल नगर के लोगों ने बताया कि इस साल भी हमें उन्ही समस्याओं से गुजरना पड़ रहा है.. जिसके लिए हमने पिछली बार आवेदन दिया था। लेकिन हुआ कुछ नहीं।

                     निगम क्षेत्र के कई लोगोंं ने बताया कि निगम और कलेक्टर जनदर्शन में समस्याओं को कई बार रखा। लेकिन आवेदनों का निराकरण आज तक नहीं हुआ। ना तो पेयजल की समस्या दूर हुई…न ही पानी निकासी की। मूलभूत समस्याएं आज भी जस की तस हैं।

                                  लोगों के अनुसार कई सालों से आवास के लिए चक्कर काट रहे हैं…लेकिन नहीं मिला। राशन कार्ड बनवाने. नाम जोडऩे और हटाने के लिए कई बार निगम में नाक रगड़ा..लेकिन कुछ नहींं हुआ। शहर की सड़कें बदहाल है…क्या इसके लिए भी आवेदन करना होगा। क्या मंत्री महापौर और कलेक्टर जनता की समस्याओं को नहींं देख रहे हैं।

66 वार्ड 59 केन्द्र

                          बहरहाल आज 66 वार्डोंं में कुल 59 स्थानों पर शिविर लगाए गए। अधिकारियों ने बताया कि पहले दिन लोगों की समस्याओं को सुनने के बाद शासन की योजनाओं की जानकारी दी गयी। दीनदयाल अंत्योदय योजना, शहरी आजीविका मिशन योजना,व्यक्तिगत ऋण, समूह और स्व सहायता से जुड़ी जानकारियां दी गयीं। कौशल प्रशिक्षण योजनाओं के बारे में भी बताया गया।

 पार्षदों में कन्फ्यूजन

              समय को लेकर पार्षदों में कन्फ्यूजन देखने को मिला। पार्षदों के अनुसार सुराज अभियान के पहले दिन आवेदनों के नहीं आने के लिए निगम और जिला प्रशासन जिम्मेदार है। ज्यादातर लोगों को अभियान की जानकारी ही नहीं है। अभियान का ठीक से प्रचार प्रसार नही किया गया। यदि मुनादी की जाती तो अच्छा होता। शिविर कितने से कितने बजे तक लगेगा इसकी जानकारी भी बहुतों को नहींं है। बंधवापारा पार्षद ने बताया कि हमारे यहां 10 से एक बजे के बीच शिविर लगना था लेकिन कोई अधिकारी नहीं आया। स्नेहलता शर्मा ने सुबह 10 से 5 बजे तक शिविर लगने की बात कही। कांग्रेस पार्षद दल प्रवक्ता के अनुसार 1 बजे तक ही शिविर लगने की जानकारी है।

निराकरण असम्भव

                  कांग्रेस पार्षद दल प्रवक्ता शैलेन्द्र जायसवाल ने बताया कि लोकसुराज अभियान में समस्याओं का निराकण त्वरित करने की बात कही जा रही है। यह किसी भी सूरत मेंं संभव नहीं है। क्योंकि समस्याएं वहीं है जिन्हें निगम और कलेक्टर जनदर्शन में रखा भी जा चुका है। समस्याओं के निराकरण के लिए निश्चित प्रक्रिया का पालन किया जाता है। यदि यह एक दिन में संभव है तो फिर समस्याओं को इतने दिनों तक लटकाया क्यों जाता है।

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