नईदिल्ली।एक आवासीय चॉल, एक विस्थापित झुग्गी केंद्र और एक खाली इमारत। ये वो जगहें हैं जो बैंक की आॅडिट टीम को स्टर्लिंग समूह के संदेसरा परिवार के मालिकान वाली कंपनियों के पते के तौर पर दी गईं थीं। कागजों पर ये कंपनियां न सिर्फ फल-फूल रहीं थीं बल्कि करोड़ों का मुनाफा दे रहीं थीं। इनमें से कई पते फर्जी भी पाए गए हैं।ईडी ने इस संबंध में रिपोर्ट प्रकाशित की है। ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक, बताया जा रहा है कि संदेसरा परिवार नाइजीरिया में है। संदेसरा परिवार पर आरोप हैं कि उन्होंने करीब 200 फर्जी कंपनियां बनाकर 8,100 करोड़ रुपये से ज्यादा रकम को हवाला के जरिए खुर्दबुर्द कर दिया और बैंक को करोड़ों का नुकसान पहुंचाया। बैंक के द्वारा किए गए फरेंसिक आॅडिट के अलावा प्रवर्तन निदेशालय ने संदेसरा परिवार के मालिकान वाली संपत्तियों की सूची तैयार की है।
इस सूची में वह संपत्तियां भी शामिल हैं जो उन्होंने टैक्स हैवन देशों में इकट्ठी की हैं। इसके अलावा प्रवर्तन निदेशालय ने संदेसरा परिवार के द्वारा बैंक से कर्ज लेकर उसे ठिकाने के लिए सात चरणों वाले तरीके का खुलासा किया है।
जांच एजेंसियां संदेसरा परिवार के द्वारा स्थापित की गई फर्जी कंपनियों में कई सरकारी अधिकारियों की भूमिका भी तलाश रही है। कई अधिकारियों के द्वारा इन कंपनियों में निवेश के भी साक्ष्य पाए गए हैं। ये भी उम्मीद है कि सरकारी अफसरों या अन्य को कथित तौर पर संदेसरा परिवार के द्वारा कथित तौर रिश्वत भी दी जा रही थी। फिलहाल मुख्य बातों पर जांच जारी है।