वनभ्रमण में कायदे दारों ने उड़ाई धज्जियां..जुगाड़ के बस में जुगाड़ का डीजल..परिवहन नियमों को दिखाया ठेंगा..फिर महंगे रिसार्ट में चला जश्न

BHASKAR MISHRA
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बिलासपुर—- जिले के स्कूलों में प्रशासनिक व्यवस्था की देख रेख करने जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय की व्यवस्था है। कार्यालय से पठन पाठन के अतिरिक्त अनुशासनिक गतिविधियों को लेकर समय समय पर आदेश जारी किए जाते है। शिक्षण संस्थाओं को आदेश का पालन करना अनिवार्य होता है। लेकिन जब शिक्षा विभाग ही अनुशासनहीनता का मिसाल पेश करे तो शिक्षण संस्थाओं की स्थिति को आसानी से समझा जा सकता है।
 
                        बिलासपुर जिला शिक्षा विभाग जो करे..थोड़ा ही है। प्रदेश में हमेशा सुर्खियों में रहने वाला जिला शिक्षा विभाग एक बार फिर सुर्खियों में बनता दिखाई दे रहा है। बताते चलें कि जिला शिक्षा विभाग बिलासपुर ने इसके पहले स्थानांतरण में नियमो की धज्जियां उड़ाते हुए  प्रदेश में जमकर सुर्खियों में रह चुका है। विभाग के बाबुओं ने कभी स्थानांतरण के नाम पर संसोधन तो कभी शिक्षकीय व्यवस्था के नाम पर जमकर कारोबार किया है। मामला मंत्रालय तक पहुंचा। लेकिन जोड़ जुगत कर किसी तरह जिला शिक्षा विभाग के कारोबारी बच निकले…लेकिन एक बार फिर अपनी कारस्तानी से चर्चा में आ गए हैं। जिससे एक बार फिर विभाग की छवि धूमिल होती नजर आ रही है।
 
                 ताजा मामला दिसम्बर का है। जिला शिक्षा विभाग में पदस्थ चुनिंदा रसूखदारों की टीम अचानकमार जंगल भ्रमण पर गयी। भ्रमण क दौरान कार्यलय प्रमुख समेत किसी को भी हर्रा फिटकरी के लिए जेब ढीला नहीं करना प़ड़ा। 
 
       जिला कार्यालय प्रमुख के निर्दश पर शहर के एक नामी स्कूल से बच्चों की बस का जुगाड़ किया गया। इस दौरान शिक्षा विभाग कर्मचारियों को ख्याल ही नहीं रहा कि स्कूल बस का उपयोग केवल विद्यार्थियों के परिवहन के लिए किया जा सकता है। क्योंकि परिवहन विभाग इसी शर्त पर स्कूल बस का रजिस्ट्रेशन करता है। टैक्स में छूट भी प्रदान करता है।  इसके अलावा यदि बस को बाहर ले जाना भी होता है इसके लिए बाकायदा अस्थायी परमिट भी लेना होता है। इसके लिए परिवहन विभाग में निर्धारित शुल्क भी जमा करना होता है। लेकिन शिक्षा विभाग के दबग साहब को नियम तोड़ने की आदत को  सभी लोग जानते हैं। यहां भी साहब ने वहीं किया…यानि परिवहन विभाग के किसी भी नियम का पालन नही किया।
 
                       हैरानी की बात है कि साहब के एक इशारे पर जहाँ बस का निःशुल्क जुगाड़ हो गया। वही डीजल का जुगाड़ भी निःशुल्क हुआ है। सूत्रों के अनुसार साहब के सरकारी जीप के लिए आवंटित डीजल को बस में एडजेस्ट किया गया। डीजल चाटीडीह स्थिति एक प्रेट्रोल पंप में शासकीय वाहन के नाम पर पिकनिक के लिए भरवाया गया।
 
             इसके बाद जिला शिक्षा विभाग की फिकनिक टीम अचानकमार इको सेंसेटिव क्षेत्र पहुंची। इस दौरान सभी ने नियमो की जमकर धज्जियां उड़ाई। मिलकर जमकर जाम भी छलकाया गया।  सूत्रों ने बताया कि जाम पार्टी में लजीज शाकाहारी के साथ मांसाहारी भोजन परोसे गए। शानदार रिसॉर्ट में रुकने की व्यवस्था भी हुई। पूरा खर्च  जिले के स्थानांतरण उद्योग से करोड़पति बने विवादित बाबुओं ने किया। संबंधित क्षेत्र के विकास खंड शिक्षा अधिकारी ने भी पिकनिक का मजा लिया।

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