वनमाली सम्मान की स्थापना का रजत जयंती समारोह 24 जनवरी को

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santosh_chaoubeyसाहित्य, कला व संस्कृति हमारी धरोहर
छत्तीसगढ़ के प्रख्यात साहित्यकार व कथाकार करेंगे शिरकत
बिलासपुर(करगीरोड)।वनमाली सम्मान की स्थापना का रजत जयंती वर्ष वनमाली सृजन पीठ आईसेक्ट विश्वविद्यालय द्वारा भारत भवन भोपाल में 24 जनवरी को आयोजित किया गया है। इस आयोजन में कहानी, आलोचना और साहित्यिक पत्रकारिता के क्षेत्र में श्रेष्ठ रचनात्मकता को पुरस्कृत किया जाएगा। इसके लिए वनमाली सम्मान-2017 की घोषणा की गई है। जिसमें छत्तीगसढ़ के वरिष्ठ साहित्यकार,कथाकार व साहित्यिक पत्रकार शामिल होंगे और उन्हें सम्मानित किया जाएगा।इस मंच से छत्तीसगढ़ की साहित्य,कला और संस्कृति को देश में पहचान मिलेगी।

                                                      cvru_featureये जानकारी डाॅ.सी.वी.रामन् विश्वविद्यालय के कुलसचिव शैलेष पाण्डेय ने दी। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ लोककला और संस्कृति को संरक्षित रखने के लिए सीवीआरयू में छत्तीसगढ़ी शोधपीठ की स्थापना की गई है। जहां छत्तीसगढ़ की कला संस्कृति के साथ और भी धरोहरों को संरक्षित करने के लिए कार्य किया जा रहा है। इसके पूर्व ही आईसेक्ट विश्वविद्यालय इस क्षेत्र में कार्य कर रहा है। आईसेक्ट विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय वनमाली कथा सम्मान-2017 की घोषणा की गई है।

                                                        इस आयोजन में कहानी, आलोचना और साहित्यिक पत्रकारिता के क्षेत्र में श्रेष्ठ रचनात्मकता को पुरस्कृत किया जाएगा। इस आयोजन में देश भर से कला और साहित्य के ख्याति प्राप्त लोग जुटेंगे। इसमें छत्तीसगढ़ के भी प्रख्यात साहित्यकार और इससे जुड़े लोग शामिल होंगे। इस आयोजन में समग्र्र साहित्य योगदान के लिए कथाकार मालती जोशी का चयन राष्ट्रीय वनमाली कथा सम्मान के लिए किया गया है। इसी तरह समकालीन कथा लेखन के लिए गाजियाबाद की अल्पना मिश्रा, जयपुर की मनीषा कुल श्रेष्ठ, भोपाल के मुकेश वर्मा, रायपुर से तजिंदर, और रांची से पंकज मित्र को सम्मानित किया जाएगा। कथा आलोचन सम्मान के लिए रोहतक की रोहणी अग्रवाल, दुर्ग के जयप्रकाश को चयनित किया गया है। इसी तरह साहित्यिक पत्रकार सम्मान के लिए दिल्ली से प्रकाशित पत्रिका बनासजन का नाम तय किया गया है, इसके संपादक पल्लव हैं।पाण्डेय ने बताया कि इस अवसर पद्मश्री से अलंकृत साहित्यकार रमेश चंद्र शाह,मंजूर ऐहतेशाम, मेहरून्निसा परवेज,डाॅ.चित्रा मुदगल सहित वरिष्ठ जनों को आमंत्रित किया गया है।उल्लेखनीय है कि साहित्य में आर्दश मूल्यों हिमायत करने वाले कथाकार व शिक्षाविद् स्वं जगन्नाथ प्रसाद चैबे वनमाली की स्मृति में यह पुरूस्कार दिये जाते हैं।

युवाओं को कला-संस्कृति जोड़ना जरूरी-कुलसचिव
cvru pandeyकिसी भी देश व प्रदेश की साहित्य, कला और संस्कृति वहां की धरोहर होती है। इस धरोहर को संरक्षित रखना हम सबकी नैतिक जिम्मेदारी है। यदि इन धरोहर को संरक्षित नहीं किया गया तो हमारा अस्तित्व ही संकट में पड़ जाएगा। यही मायने में यही हमारी जड़ें है, जिनके कारण ही हम फल-फूल रहे हैं। इन धरोहरों को सुरक्षित और संरक्षित रखते हुए भावी पीढ़ी को इसके बारे में बताना और और युवाओं को इनसे जोड़े रखना अब एक चुनौती बनता जा रहा है, तकनीकी युग में युवा ग्लैमर की ओर तेजी से दौड़ते जा रहे हैं, जिसमें कुछ हासिल नहीं होना है।

गरीब नमाज का होगा मंचन
इस अवसर पर वनमाली सृजन पीठ के अध्यक्ष संतोष चैबे की बहुचर्चित कहानी गरीब नवाज का नाटक का मंचन किया जाएगा। नाटक का मंचन दिल्ली रंग समूह संभव के कलाकार करेंगे। इसके पहले भी श्री चौबे द्वारा लिखित कहानी का मंचन डाॅ.सी.वी.रामन् विश्वविद्यालय सभागार में किया जा चुका है।

रजत जयंती में साहित्यकार समागम-चौबे
इस संबंध में जानकारी देते हुए विश्वविद्यालय के कुलाधिपति व वनमाली सृजन पीठ के अध्यक्ष संतोष चौबे ने बताया कि हर्ष का विषय है कि हम वनमाली सम्मान की स्थापना का रजत जयंती मनाने जा रहे है। इस वर्ष साहित्यकारों का समागम होने वाला है। इसके पूर्व में अनके साहित्यकारों को वनमाली सम्मान से सम्मानित किया जा गया है। यह हमारे लिए गौरव की बात है कि अनके क्षेत्र के प्रख्यात लोगों के बीच कुछ देखने व सीखने का अवसर मिलता है। इस वर्ष मालती जोशी को राष्ट्रीय वनमाली कथा सम्मान देने की घोषणा की गई। वे हिन्दी की विख्यात कलाकार है।

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पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर
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