वाह रे सिम्स….बाबा के प्रयास पर पानी फेरने की तैयारी…100 बेड के वार्ड में आक्सीजन नहीं…MCI को झांसा देने व्यूह रचना तैयार

BHASKAR MISHRA
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  बिलासपुर–72 घंटे के अन्दर एक बार फिर एमसीआई टीम सिम्स का निरीक्षण करने पहुंच रही है। सिम्स में 2018 के बाद एमबीबीएस की सीट 150 से घटकर 100 हो गयी है।प्रबंधन चाहता है कि सीट संख्या एक बार फिर बढ़ जाए। क्योंकि 2018 में एमसीआई ने व्यवस्था को देखते हुए सीट संख्या कम कर दिया था। टीम ने 150 सीट हासिल करने के लिए कुछ व्यवसाथाओं को चुस्त दुरूस्त करने को कहा था। इसमें एक व्यवस्था 100 बिस्तर वार्ड भी है। जो फिलहाल अभी पूरी तरह से उपयोग के लिए तैयार नहीं है। बताया जा रहा है कि सिम्स प्रबंधन वैकल्पिक व्यवस्था कर वार्ड को अप-टू-डेट बताकर सीट हासिल करने का कोई प्रयास बाकी नहीं रखेगा। यह जानते हुए भी कि आचार संहिता के बीच स्वास्थ्य मंत्री का निजी प्रयास नहीं होता तो शायद सिम्स की टीम अन्दर घुसते ही घर लौटना ज्यादा मुनासिब समझती।

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                     लगातार शिकायत के बीच स्वास्त्य मंत्री को जानकारी मिली कि सिम्स में मरीज को ना तो ठीक से हवा मिल रहा है और ना ही पानी। एक दिन पहले ही स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के निजी प्रयास से सिम्स की सभी एसी को ठीक ठाक करने का प्रयास किया जा रहा है। टीएस सिंंहदेव ने कहा कि स्वास्थ्य व्यवस्था मूलभूत सुविधाओं में गिना जाता है। यद्यपि आचार संहिता का इस पर कोई प्रभाव नहीं होना चाहिए। बावजूद इसके तत्काल अपने प्रतिनिधि पंकज सिंंह को भेजकर सिम्स को 20 कूलर और तीन एसी की व्यवस्था की।

                          सिम्स प्रबंधन ने बताया कि बर्न यूनिट के अलावा अन्य जरूरी जगहों में तीनों एसी को लगाया गया है। दो एक दिन में सिम्स के सभी एसी को ठीक कर लिया जाएगा। बाबा के प्रयास से दिए गए एक एसी को आईसीयू में लगाया गया है। मात्र 24 घंटे में करीब 30 एसी को ठीक कर लिया गया है। निजी प्रयास से लाए गए सभी बीस कूलर को जनरल वार्डों में लगाया गया है।

72 घंटे में पहुंचेगी एमसीआई टीम 

              सूत्रों की मानें तो मात्र 72 घंटे के अन्दर यानि सोमवार को सिम्स का निरीक्षण करने एमसीआई टीम बिलासपुर पहुंचेगी। टीम  कालेज और अस्पताल का बारीकी से निरीक्षण करेंगी। इसमें 100 बिस्तर वाला नया वार्ड भी शामिल होगा। संतुष्ट होने की सूरत में एमबीबीएस की 100 सीट बढ़कर 150 हो जाएगी। टीम के सदस्य अन्य कई बिन्दुओं को लेकर मुआयना करेंगे। क्या करेंगे फिलहाल इसे गुप्त रखा गया है।

क्या होता यदि बाबा का दिल नहीं धड़कता

                          यह सच है कि आचार संहिता के बाद सरकार के हाथ काफी हद तक बंध जाते हैं। जिसका सीधा असर आम जनता को होता है। सिम्स के साथ भी ऐसा ही हुआ। इसमें पूर्व प्रबंधन की भी भूमिका है। जब बिलासपुर का पारा 45 डिग्री को पार कर रहा हो। ऐसे में सिम्स के मरीजो को एसी कूलर तो दूर….पंखे की हवा भी नसीब नही है। मरीजों की स्थिति की जानकारी मिलते ही बाबा ने ना केवल आचार संहिता की दुहाई देने वाले डीन और सिम्स प्रबंधन को फटकारा। बल्कि निजी प्रयास से तत्काल अपने प्रतिनिधि पंकज सिंह को भेजकर मरीजों के 20 कूलर और तीन एसी की व्यवस्था की। पंकज सिंंह के निर्देश पर सिम्स के सभी 75 एसी को निजी खर्च से दुरूस्त करने को कहा गया।

                             समझने वाली बात है कि यदि स्वास्थ्य मंत्री ने निजी स्तर पर प्रयास नहीं किया होता तो एमसीआई की टीम को यहां केवल बदहाली का सामना होता है। और गैर जिम्मेदार प्रबंधन यही कहता कि टीम ने व्यवस्था दुरूस्त करने को कहा है। व्यवस्था ठीक होने के बाद सिम्स को एमबीबीएस सीट की अतिरिक्त संख्या हासिल हो जाएगी।

100 बिस्तर का वार्ड और अधूरी तैयारी

               बताते चलें की सिम्स को एमबीबीएस की पचास सीट हासिल होने में मुख्य भूमिका नव निर्मित 100 बिस्तर का वार्ड का होगा। वार्ड को हाईटेक बनाया गया है। लेकिन तैयारी अभी भी अधूरी है। कहने को तो वार्ड कुल 100 बिस्तर वाला है। लेकिन सिम्स के पास इन सौ बिस्तरों के लिए सौ बेड और गद्दे भी नहीं है। यहां भी आचार संहिता बीच में आता है। मरीजों के हितों को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने निजी प्रयास से रायगढ़ मेडिकल कालेज से सिम्स के लिए 40 गद्दे और बेड की व्यवस्था की है। जबकि सिम्स के पास मात्र 20 गद्दे और बेड हैं। सूत्रों ने बताया कि एमसीआई टीम को दिखाने के लिए सिम्स प्रबंधन ने अतिरिक्त चालिस गद्दे और बेड बिल्हा और तखतपुर पीएचसी के साथ निजी नर्सिग से मंगाए  हैं। कुल मिलाकर एक बार फिर सिम्स ने एमसीआई की आंख में धूल झोंकने की व्यवस्था कर लिया है।

सेन्ट्रल आक्सीजन सप्लाई की व्यवस्था नहीं

                       बताते चलें कि नव निर्मित हाईटेक सौ बिस्तर वाले वार्ड में अभी भी सेन्ट्रल आक्सीजन की व्यवस्था नहीं है। सिम्स के डीन का कहना है कि दो एक दिन में नया वार्ड मरीजों के लिए खोल दिया जाएगा। यह जानते हुए भी इसमें आईसीयू भी है। लेकिन आक्सीजन सप्लाई नहीं होने से सामान्य वार्ड से ज्यादा कुछ नहीं है।बावजूद इसके सिम्स के डीन डॉ.पात्रा का दावा है कि नया वार्ड पूरी तरह से तैयार है। हम निरीक्षण करवाने के लिए भी तैयार हैं। उन्होने यह भी कहा कि टीम बताकर निरीक्षण करने नहीं आती।

                            डॉ.पात्रा ने बताया कि दो एक दिन में आक्सीजन प्लान्ट से नए वार्ड के आईसीयू को जोड़ दिया जाएगा। इसे लेकर परेशान होे की जरूरत नहीं है। जबकि स्वास्थ्य मंत्री ने पहले ही कहा है कि प्लान्ट को भवन से बाहर लगाया जाना है। सूत्रों की माने तो एमसीआई टीम को नए आईसीयू में सिलेन्डर दिखाकर खुश करने का प्रयास किया जाएगा। यदि टीम ने गंभीरता से निरीक्षण किया तो इस बार भी सिम्स के हाथ कुछ हासिल नहीं होना है।

दो एक दिन में सब ठीक हो जाएगा

            सिम्स के डीन डॉ.पात्रा ने बताया कि दो एक दिन में सेन्ट्रल आक्सीजन सप्लाई सिस्टम को ठीक कर लिया जाएगा। लेकिन उन्होने यह नहीं बताया कि कैसे ठीक होगा। जबकि आचार संहिता भी लगा हुआ है। जब एसी ठीक कराने में आचार संहिता की दुहाई दी जाती है तो सेन्ट्रल आक्सीजन सप्लाई सिस्टम को कैसे दुरूस्त कर लिया जाएगा। यद्यपि पात्रा ने नहीं बताया कि एमसीआई टीम कब निरीक्षण करने आ रही है। लेकिन सूत्रों की माने तो टीम सोमवार को पहुंंच रही है। टीम को सिम्स प्रबंधन सिलेन्डर दिखाकर नए वार्ड को ठीक ठाक होना बताएगा।

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