मुख्यमंत्री ने सभी नगरीय निकाय के प्रतिनिधियों को अनुशासन के दायरे में रहकर काम करने को कहा। अनुशासित व्यक्ति ही जीवन में सफल होता है…उचाईयों को छूता है। सीएम ने बताया कि लोक सुराज अभियान में प्राप्त आवेदनों के निराकरण करने सांसद, विधायक से लेकर अफसर गांवों का दौरा करेंगे। लाखों आवेदनों का मौके पर निराकरण किया जाएगा। आप सभी अपने क्षेत्रों में जनहित की कार्यो को लेकर आगे आये। सीएम ने निकाय जनप्रतिनिधियों से कहा कि केन्द्र और राज्य सरकार की सभी योजनाओं को जनता तक पहुॅचाएं। उन्होने पार्षदों को जमीनी स्तर पर कार्य करने को कहा। सीएम ने बताया कि भाजपा में ही संभव है कि कार्यकर्ता नीचे से ऊपर शीर्ष पदों तक पहुंचे।
सीएम के संबोधन से पहले भाजपा प्रदेशाध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने डाॅ.रमन सिंह के राजनीतिक सफर पर प्रकाश डाला।
कांग्रेस सरकार ने लगाया था विधायक निधी पर ताला
प्रशिक्षण वर्ग को संबोधित करते हुये निकाय मंत्री अमर अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में जब कांग्रेस की जोगी सरकार आई तो विधायक निधि पर लगाम लगा दिया गया। विधायक निधि को बंद कर दिया गया । लेकिन रमन सरकार ने विधायक निधि को फिर शुरू किया और अभूतपूर्व निर्णय लेते हुए पार्षद निधि का प्रावधान किया। विकास कार्यों पर अब पार्षद 4 लाख, एल्डरमेन तीन और महापौर 1.5 करोड़ रूपये खर्च कर सकता है।
अमर ने कहा कि जनप्रतिनिधियों को संवेदनशील होना जरूरी है। पार्षदों के पास पानी, बिजली, नाली, रोड, साफ सफाई, राशन कार्ड, उज्जवला योजना, निराश्रित पेंशन, हेल्डकार्ड, आवास योजना की शिकायत आती है। जो रमन सरकार की अनेकों योजनाओं से संबंधित होती है। जनप्रतिनिधि को प्राथमिकता के आधार पर लोगों की समस्याओं का निराकरण करना चाहिये। अच्छे जनप्रतिनिधि की पहचान सीधे जनता से जुड़कर कार्य करने से होती है।